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CJI रंजन गोगोई समेत इन 5 जजों की पीठ 6 अगस्त से रोजाना करेगी अयोध्या मामले की सुनवाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2019 15:42 IST

अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद की अब 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।

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ठळक मुद्देअयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद में मध्यस्थता पैनल से नहीं निकला कोई हल।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।

अयोध्या में रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए गठित समिति कोई भी हल निकालने में सफल नहीं रही। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वह अयोध्या केस में 6 अगस्त से खुली अदालत में रोजाना सुनवाई करेगा।

अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में 5 जज होंगे। इनमें सीजेआई रंजन गोगोई सहित जस्टिस एमए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 

सीजेआई रंजन गोगोई18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने 1978 में बार ज्वाइन किया। इसके बाद वह गुहाटी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे वहीं 28 फरवरी 2001को परमानेंट जज नियुक्त किए गए। 9 सितंबर 2010 में उनका ट्रांसफर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया। 12 फरवरी साल 2011 में वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त हुए। 23 अप्रैल 2012 में इनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया। साल 03/10/2018 में रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो जाएंगे।

जस्टिस शरद अरविंद बोबडेइनका जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर में हुआ। इन्होंने बीए और एलएलबी की डिग्री नागपुर यूनिवर्सिटी से प्राप्त किया। 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल में शामिल हुए। साल 2000 में बांबे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त हुए। इसके बाद 16 अक्टूबर 2012 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की शपथ लिया। बाद में 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए। अरविंद बोबडे 23 अप्रैल 2021 में रिटायर होंगे।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूडजस्टिस डीवाई चंद्रचूड सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर 13 मई 2016 को नियुक्त हुए। जज नियुक्त होने से पहले तक चंद्रचूड 1998 से भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। जस्टिस चंद्रचूड अस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल, येल लॉ स्कूल में लेक्चर दे चुके हैं। चंद्रचूड ने एलएलएम की डिग्री और डॉक्टरेट की उपाधि ज्यूरिडिकल साइंसेज(एसजेडी) हार्वर्ड लॉ स्कूल, यूएसए से प्राप्त किया। एलएलबी की पढ़ाई चंद्रचूड ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया। डी वाई चंद्रचूड 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे।

जस्टिस अशोक भूषणजस्टिस अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई 1956 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ। अशोक भूषण ने 1975 में आर्ट्स विषय में ग्रेजुएशन किया और साल 1979 में प्रथम श्रेणी में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल किया।

6 अप्रैल सन् 1979 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में एडवोकेट के तौर पर खुद को दर्ज कराया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हुए वह 24 अप्रैल 2001 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में परमानेंट जज के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद उन्होंने 26/03/2015 को उन्होंने चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लिया। बाद में उन्हें 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। अशोक भूषम 4 जुलाई 2021 को रिटायर होंगे।

जस्टिस अब्दुल नजीरजस्टिस अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को हुआ। इन्होंने 1983 से वकालत की शुरूआत किया। शुरुआत में इन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस किया। 12/05/2003 में इनकी नियुक्ति कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर हुई और फिर 24/09/2004 में ये परमानेंट जज के तौर पर नियुक्त हुए। बाद में 17 फरवरी साल 2017 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त किया गया। अब्दुल नजीर 4 जनवरी 2023 को रिटायर होंगे।

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