राम जन्मभूमि विवादः सुप्रीम कोर्ट में 14 मार्च तक के लिए टली सुनवाई, सभी पैरोकारों से दो हफ्ते में मंगाए दस्तावेज
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 8, 2018 03:24 PM2018-02-08T15:24:58+5:302018-02-08T15:26:03+5:30
रामजन्मभूमि विवाद मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को की जाएगी। इससे पहले 5 दिसंबर को हुई सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी पक्षों की अपील को खारिज कर दिया जिन्होंने आम चुनाव के बाद सुनवाई करने की अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि विवाद पर गुरुवार को सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायामूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ कर रही है। जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह केस जमीन विवाद का है। सभी पक्षों को दो हफ्तों में दस्तावेज तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में पेश करना होगा। रामजन्मभूमि विवाद मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को की जाएगी। इससे पहले 5 दिसंबर को हुई सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी पक्षों की अपील को खारिज कर दिया जिन्होंने आम चुनाव के बाद सुनवाई करने की अपील की थी।
#Ayodhya Matter: Supreme Court fixes 14 March as the next date of hearing, as some of the documents & translations are yet to be filed before it. pic.twitter.com/6FCQdVAAL9
— ANI (@ANI) February 8, 2018
इस मामले में तीन मुख्य याचिका कर्ता हैं- रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य याचिकाकर्ता की दलीलें पहले सुनी जाएंगी उसके बाद अन्य याचिकाकर्ताओं की। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ जमीन के विवाद का कानूनी मामला है इसलिए भावनात्मक और राजनीतिक दलीलें नहीं चलेंगी। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि राम मंदिर पक्ष से अब कोई कोई नया पक्ष नहीं जोड़ा जाएगा। केस की सुनवाई के दौरान जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है उनका नाम हटाया जा रहा है।
Both parties said that day to day hearings should be held, court said decision on this will be taken on 14 March, which is the next date of hearing: Vishnu Shankar Jain, lawyer for Hindu Maha Sabha #AyodhyaMatterpic.twitter.com/703qOJQU33
— ANI (@ANI) February 8, 2018
21 जुलाई 2017 को बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए थे और जल्दी सुनवाई करने की अपील की थी। रामजन्मभूमि विवाद के लिए 7 अगस्त को एक स्पेशल बेंच का गठन किया गया था जो इस मामले की सुनवाई कर रहा है। माना जा रहा था कि रोज सुनवाई करके जल्दी ही इस मामले का निपटारा किया जाएगा।
सात साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित रामजन्मभूमि मामले पर फैसला सुनाया। अपने फैसले में हाई कोर्ट ने मस्जिद से पहले मंदिर होने की बात मानी थी लेकिन विवादित भूमि को तीन हिस्से में बांट दी थी। इसमें रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड शामिल थे। इस फैसले से असंतुष्ट सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस पर सुनवाई चल रही है।