अयोध्या: योगी सरकार ने दीपोत्सव मेले को 'राज्य मेले' का दर्जा दिया, कैबिनेट में पास हुआ प्रस्ताव
By भाषा | Published: October 22, 2019 03:56 PM2019-10-22T15:56:39+5:302019-10-22T15:57:41+5:30
अयोध्या में दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च अब जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार उठाएगी और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे पहले दीपोत्सव मेले का खर्च पर्यटन विभाग वहन करता था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले के 'प्रांतीयकरण' का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या के दीपोत्सव मेले को राज्य मेले का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च अब जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार उठाएगी और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे पहले दीपोत्सव मेले का खर्च पर्यटन विभाग वहन करता था।
गौरतलब है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में सरयू घाट पर बेहद भव्य दीपोत्सव मेले का आयोजन करती है जिसमें सरयू में लाखों प्रज्ज्वलित दीये प्रवाहित किए जाते हैं।
मंत्रिमंडल ने बागपत निवासी बुजुर्ग निशानेबाज चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के जीवन संघर्ष पर आधारित बॉलीवुड फिल्म 'सांड की आंख' को मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला भी किया है। यह फिल्म उम्रदराज निशानेबाजों चंद्रो तोमर (87) और प्रकाशी तोमर (82) के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने काफी उम्र गुजर जाने के बाद निशानेबाजी जैसे खेल में कदम रखा और विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते।
यूपी: मंत्रिमंडल की बैठक में 13 प्रस्तावों को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें रायबरेली जिले में अमृत योजना के तीसरे चरण के लिए 187.17 करोड रुपए के आवंटन का निर्णय भी शामिल है। इस धनराशि का 50% हिस्सा केंद्र सरकार देगी जबकि 30 फीसद का योगदान राज्य सरकार का होगा। इसके अलावा 20% खर्च स्थानीय प्रशासन करेगा।
कैबिनेट ने यूपी स्टेट सेप्टेज मैनेजमेंट पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। प्रदेश के 652 नगरीय निकायों में कुल पांच करोड़ की आबादी रहती है। इन निकायों में प्रतिदिन 330 करोड़ लीटर गंदे पानी का प्रबंधन करने की क्षमता है। इसके अलावा विभिन्न परियोजनाओं के जरिए 128 करोड़ लीटर प्रतिदिन शोधन क्षमता सृजित की जा रही है।
मंत्रिमंडल ने काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य के लिए लाहौरी टोला स्थित निर्मल मठ के अधिग्रहण के प्रस्ताव को ही मंजूरी दे दी है और मठ को मंदिर कॉरिडोर के बाहर 400 से 500 वर्ग मीटर का एक भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की समस्याओं के अध्ययन के लिए एक समिति गठित करने को भी मंजूरी दे दी है। यह समिति 15 दिन के अंदर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट देगी।