अयोध्या मामलाः हेगड़े ने कहा-विजयी पक्ष इसे विनम्रता से स्वीकार करे, हारने वाले पक्ष को भी कबूल करना चाहिए

By भाषा | Published: November 7, 2019 04:41 PM2019-11-07T16:41:26+5:302019-11-07T16:41:26+5:30

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि देश को न्यायिक फैसले को स्वीकार करना चाहिए और उस पर किसी तरह की प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सैद्धांतिक तौर पर हमें न्यायिक फैसले के रूप में इसे कबूल करना चाहिए... दोनों पक्षों को।’’

Ayodhya case: Hegde said - the victorious side should accept it politely, the losing side must also accept | अयोध्या मामलाः हेगड़े ने कहा-विजयी पक्ष इसे विनम्रता से स्वीकार करे, हारने वाले पक्ष को भी कबूल करना चाहिए

इसे कानून के निर्णय के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।

Highlightsउच्चतम न्यायालय 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले अयोध्या मामले पर फैसला सुना सकता है।कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने कहा, ‘‘ना तो जश्न होना चाहिए, ना विरोध प्रदर्शन।

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल एन संतोष हेगड़े ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर ना जश्न होना चाहिए और ना विरोध प्रदर्शन।

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि देश को न्यायिक फैसले को स्वीकार करना चाहिए और उस पर किसी तरह की प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सैद्धांतिक तौर पर हमें न्यायिक फैसले के रूप में इसे कबूल करना चाहिए... दोनों पक्षों को।’’

उच्चतम न्यायालय 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले अयोध्या मामले पर फैसला सुना सकता है। हेगड़े ने कहा, ‘‘विजयी पक्ष को भी विनम्रता से इसे स्वीकार करना चाहिए और हारने वाले पक्ष को इसे भारत की सर्वोच्च अदालत के निर्णय के रूप में कबूल करना चाहिए।’’

कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने कहा, ‘‘ना तो जश्न होना चाहिए, ना विरोध प्रदर्शन। इसे कानून के निर्णय के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जरूरी नहीं की कानून की सर्वोच्चता हमेशा न्याय कर पाए। अंतत: फैसला मनुष्य द्वारा दिया जाता है।

हमेशा त्रुटि की गुंजाइश हो सकती है, लेकिन देश के व्यापक हित में हमें उन चीजों को भी स्वीकार करना सीखना चाहिए जिन पर हम सहमत नहीं हों।’’ हेगड़े ने कहा कि देश में अंतिम राय यही है कि हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। दोनों समुदायों के लिए यह अच्छा होगा। 

Web Title: Ayodhya case: Hegde said - the victorious side should accept it politely, the losing side must also accept

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