महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 14 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि करमाड पुलिस थाने के तहत आने वाले क्षेत्र में सुबह सवा पांच बजे हुई इस दुर्घटना में दो अन्य मजदूर घायल हो गए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि राज्य सरकार की तरफ़ से हर एक मृतक श्रमिक के परिजनों को पांच लाख दिए जाएंगे और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया, विशेष विमान से उच्च अधिकारियों की एक टीम भेजी जा रही है, जो वहां पर मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी और घायलों को हर सम्भव मदद करेगी।
शिवराज ने ट्वीट किया, मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी से भी लगातार बात कर रहा हूँ और घायल श्रमिकों के उपचार में कोई भी कमी न रहे उसकी व्यवस्था कर रहा हूँ। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, औरंगाबाद से अपने घर लौट रहे कई श्रमिक भाइयों के ट्रेन हादसे में आकस्मिक निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
जानें कैसे हुए औरंगाबाद रेल हादसा
प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गृह राज्य लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई।
पुलिस अधिकारी संतोष खेतमलास ने बताया, ‘‘जालना में एक इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’’ उन्होंने बताया कि इस हादसे में 14 मजूदरों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। इस समूह के साथ चल रहे तीन मजदूर जीवित बच गए क्योंकि वे रेल की पटरियों से कुछ दूरी पर सो रहे थे। उन्होंने बताया कि विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।