अटॉर्नी जनरल का पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की अनुमति देने से इनकार
By भाषा | Published: February 27, 2021 02:28 PM2021-02-27T14:28:48+5:302021-02-27T14:28:48+5:30
नयी दिल्ली, 27 फरवरी अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शीर्ष न्यायपालिका के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राज्यसभा के सदस्य रंजन गोगोई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
कार्यकर्ता साकेत गोखले ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश के कथित बयान के लिए उनके खिलाफ मामला शुरू करने को लेकर शीर्ष विधि अधिकारी से अनुमति मांगी थी। पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने एक कार्यक्रम में कथित तौर पर कहा था कि न्यायपालिका की हालत ‘जीर्ण-शीर्ण’ है और किसी व्यक्ति को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है।
वेणुगोपाल ने कार्यवाही शुरू करने के लिए अनुमति देने से इनकार करते हुए कार्यकर्ता को अपने पत्र में कहा, ‘‘मैंने समूचे साक्षात्कार को देखा है। जो भी उन्होंने कहा, संस्थान की बेहतरी के लिए कहा और अदालत या निचली अदालत को लेकर लांछन लगाने का प्रयास नहीं किया।’’
वेणुगोपाल ने कहा कि हालांकि पूर्व न्यायाधीश की टिप्पणी थोड़ी तल्ख थी लेकिन उनकी टिप्पणी से न्यायपालिका की दिक्कतों का पता चलता है।
अपील में न्यायमूर्ति गोगोई के बयान का हवाला देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी गयी थी। गोगोई ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘आप पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं लेकिन आपकी न्यायपालिका की हालत जीर्ण-शीर्ण है...अगर आप अदालत जाएं तो आप चक्कर लगाते रह जाएंगे। आपको न्याय नहीं मिलता। मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।’’
अदालत की अवमानना कानून और नियमों के तहत किसी व्यक्ति द्वारा अवमानना का मामला दाखिल करने के लिए पहले अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की अनुमति लेना जरूरी है।
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