आज भी खाली पड़े हैं ATM, कैश की किल्लत होने की RBI को डे़ढ़ महीने पहले से थी जानकारी
By रामदीप मिश्रा | Published: April 18, 2018 01:35 PM2018-04-18T13:35:09+5:302018-04-18T13:35:41+5:30
ATM कैशलैसः सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कह चुकी है कि देश में करेंसी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
नई दिल्ली, 18 अप्रैलः कैश की किल्लत दूर होने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को भी कई शहरों में एटीएम के बाहर नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है, जिसके चलते लोग निराश होकर लौट रहे हैं। साथ ही साथ जिन एटीएम में कैश है उनके सामने लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। कई राज्यों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को भी संकट बकरार है। ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर एटीएम खाली पड़े हुए हैं। शाखाओं से भी कैश नहीं मिल पा रहा है। बड़े नोटों की कमी के कारण एटीएम बेदम हो रहे हैं। इस कारण पिछले कई दिनों से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है।
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कैश किल्लत की आरबीआई को पहले से थी जानकारी
इधर, सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कह चुकी है कि देश में करेंसी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। दरअसल, फर्स्टपोस्ट की खबर के अनुसार, कैश क्रंच की जानकारी आरबीआई को पहले ही दी गई थी। आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दिनेश कुमार ने 9 मार्च 2018 को राज्य के कुछ इलाकों में कैश की किल्लत होने की बात बताई थी। आशंका जताई थी कि लगातार सूखते एटीएम से नकदी संकट हो सकता है। केंद्र सरकार ने भी आरबीआई को इस मामले में उपयुक्त कदम उठाने के लिए कहा था। इस मामले में चीफ सेक्रेटरी कुमार ने बताया कि आरबीआई, फाइनेंस मिनिस्टर और एसबीआई को लेटर लिखा गया था। आंध्र प्रदेश के कुछ ग्रामीण इलाकों में नकदी की कमी थी। लिहाजा यह दिक्कत खत्म करने के लिए लेटर लिखा था।
वित्तमंत्री ने कहा- पर्याप्त पैसा
हालांकि मंगलवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली और आरबीआई की तरफ से कैश क्रंच को लेकर बयान आ चुका है कि बैंकों में पर्याप्त पैसा है। इसके बाद सरकार के तरफ से ये कहा गया है कि पांच सौ के नोट पहले से पांच गुना ज्यादा छापा जाएगा। पैसों की किल्लत पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया कहा था कि देश में पैसों की स्थिति को लेकर मैंने समीक्षा की है। पैसे बैंक में उपलब्ध हैं। साथ ही सर्कुलेशन में भी काफी पैसे हैं। देश के कुछ हिस्सों में अचानक और असामान्य वृद्धि की वजह से अस्थायी कमी को जल्दी से निपटाने की कोशिश की जा रही है।
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हर रोज देश में छपते हैं पांच सौ के पांच करोड़ नोट
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया है कि अभी हर रोज पांच सौ के पांच करोड़ नोट छापे जाते हैं। अब पांच सौ के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाई जाएगी। हर रोज अब इसे बढ़ाकर 2500 करोड़ किया जाएगा। महीने में 70-75 हजार करोड़ पांच सौ के नोट प्रिंट करवाया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि पहले जहां देश भर में औसतन 19-20 हजार करोड़ रुपये की नगद की मांग होती थी, अब वो बढ़कर 40-45 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। अगर सिर्फ इस महीने यानी कि अप्रैल बात करें तो महज 13 दिनों में 45 हजार करोड की मांग हुई है। दो हजार के नोट की भी छपाई की रफ्तार अच्छी है। सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि सौ, पचास और 20 रुपए के नोट का स्टॉक अभी है, साथ ही इनकी छपाई भी जारी है। चाहे नोटों की मांग कितनी भी बढ़ जाए पैसों की कमी नहीं होगी।