नोटबंदी के बाद फिर ATM के बाहर लगने लगी कतारें, बैंकों ने माना कैश की किल्लत

By रामदीप मिश्रा | Published: April 16, 2018 08:42 PM2018-04-16T20:42:53+5:302018-04-17T12:26:15+5:30

कई राज्यों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संकट बकरार है। ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर एटीएम में एक रुपया भी नहीं है। शाखाओं से भी कैश नहीं मिल पा रहा है।

cash crisis in many states and long queues outside atm | नोटबंदी के बाद फिर ATM के बाहर लगने लगी कतारें, बैंकों ने माना कैश की किल्लत

नोटबंदी के बाद फिर ATM के बाहर लगने लगी कतारें, बैंकों ने माना कैश की किल्लत

नई दिल्ली, 16 अप्रैलः नोटबंदी के समय एटीएम के सामने लगी लंबी-लंबी कतारें के दृष्य कोई भूल भी नहीं पाया था कि अब फिर लोग कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। दरअसल, देश में कैश संकट गहराता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से एटीएम के सामने लाइनें लगनी शुरू हो गई हैं। इसका सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है। 

बिहार के अलावा गुजरात, उत्तराखंड में भी संकट गहराया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मयूर विहार फेस-3 के एटीएम पर सोमवार सुबह जाकर पड़ताल की तो वहां अधिकतर एटीएम में पैसे नहीं थे और जिन एटीएम में कैश था वहां लंबी-लंबी कतारें लगी हुई देखी गई हैं। 

कई राज्यों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संकट बकरार है। ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर एटीएम में एक रुपया भी नहीं है। शाखाओं से भी कैश नहीं मिल पा रहा है। कहा जा रहा है कि बड़े नोटों की कमी के कारण एटीएम बेदम हो रहे हैं। इस कारण पिछले कई दिनों से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है।

बताया जा रहा है कि दो हजार और पांच सौ रुपये के नोट डंप होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। कई बैंकों में तो यह स्थिति है कि जिन्हें एक लाख रुपये चाहिए, उन्हें दस-बीस हजार रुपये देकर चलता किया जा रहा है। इधर, बैंक प्रबंधकों का मानना है कि न तो आरबीआई जरूरत के हिसाब से पैसे भेज रही है और न ही लोग बैंकों में पैसे ही जमा कर रहे हैं। हाल यह है कि आरबीआई से कैश नहीं मिलने के कारण ब्रांचों में जो ग्राहक कैश जमा करा रहे है उसी से काम चलाया जा रहा है।

हालांकि जमा कराए जा रहे कैश से थोड़ी राहत जरूर मिल रही है, लेकिन इसको बैंकों के अधिकारी जुगाड़ बता रहे है। बैंको के अधिकारियों का कहना है कि इससे आम लोगों को बहुत कुछ नहीं होने वाला है। जब तक आरबीआई से पर्याप्त नोट नहीं मिलेगा। यह संकट जारी रहेगा। 

गौरतलब है कि देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने कालाधन खत्म करने के लिए साल 2016 में 8 नवंबर को नोटबंदी की थी, जिसके बाद पूरे देश के एटीएम के सामने लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। कैश नहीं मिलने के चलते लोगों को खासी परेशानी हुई थी। नोटबंदी के चलते आम से लेकर खास भी परेशान हो गया था। एटीएम के बाहर लगी कतारों के चलते कई लोगों की मौत हो गई थी।  

English summary :
Long queues in front of the ATM can again be seen now after demonetisation incident. Cash crisis in the country is getting deeper and the ATM's are going cashless again. Over the last few days, long queues can be seen in front of the ATM. It's impact is majorly being seen in Bihar.


Web Title: cash crisis in many states and long queues outside atm

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