आतिशी ने संभाली दिल्ली की मुख्यमंत्री की कमान, अपने बगल में रखी सीएम की कुर्सी खाली छोड़ी, देखें वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Updated: September 23, 2024 13:08 IST2024-09-23T13:01:18+5:302024-09-23T13:08:55+5:30
मुख्यमंत्री पद की शपथ शनिवार को लेने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी मारलेना ने सोमवार को को आधिकारिक तौर पर दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।

आतिशी ने संभाली दिल्ली की मुख्यमंत्री की कमान, अपने बगल में रखी सीएम की कुर्सी खाली छोड़ी, देखें वीडियो
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री पद की शपथ शनिवार को लेने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी मारलेना ने सोमवार को को आधिकारिक तौर पर दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपनी कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखी है। आतिशी अलग कुर्सी पर बैठीं और मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए खाली छोड़ दी।
वह कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। पहली बार विधायक बनीं आतिशी पार्टी का एक प्रमुख चेहरा हैं और उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान आप के संचालन का प्रबंधन किया था। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले केजरीवाल ने शीर्ष पद के लिए कालकाजी विधायक का नाम प्रस्तावित किया था।
'चार महीने सीएम बनकर काम करूंगा, जैसे भरत ने भगवान राम के लिए किया था': आतिशी
कार्यभार संभालने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए आतिशी ने अपनी स्थिति और रामायण के भरत की कहानी के बीच समानताएं बताईं, जिन्होंने सिंहासन पर खड़ाऊं रखकर भगवान राम की अनुपस्थिति में अयोध्या पर शासन किया था।
#WATCH | Delhi CM Atishi says, "I have taken charge as the Delhi Chief Minister. Today my pain is the same as that was of Bharat when Lord Ram went to exile for 14 years and Bharat had to take charge. Like Bharat kept the sandals of Lord Ram for 14 years and assumed charge,… https://t.co/VZvbwQY0hXpic.twitter.com/ZpNrFEOcaV
— ANI (@ANI) September 23, 2024
उन्होंने कहा, "आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। आज मेरे हृदय में वही वेदना है जो भरत जी को थी। जिस तरह भरत जी ने भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर काम किया, मैं अगले 4 महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करूंगी।" उन्होंने आगे कहा कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में गरिमा और नैतिकता की मिसाल कायम की है और बीजेपी ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उन्होंने कहा, "पिछले 2 साल से बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल जी पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एजेंसी ने दुर्भावना से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। ये कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है। मुझे पूरा विश्वास है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को जिताकर दोबारा मुख्यमंत्री बनाएगी। तब तक अरविंद केजरीवाल की ये कुर्सी यहीं रहेगी।"
आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
अरविंद केजरीवाल के शीर्ष पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी ने शनिवार को राज निवास में एक समारोह के दौरान अपने नए मंत्रिपरिषद के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पार्टी द्वारा घोषित नई मंत्रिपरिषद में नए शामिल हुए सुल्तानपुर माजरा विधायक मुकेश अहलावत के अलावा मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल हैं।
आप विधायकों ने इस सप्ताह की शुरुआत में बैठक की और सर्वसम्मति से आतिशी को सत्तारूढ़ विधायक दल का नेता चुना। आतिशी सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद देश की 17वीं और राष्ट्रीय राजधानी की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं।
उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने शुक्रवार शाम को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतिशी को शपथ लेने की तारीख से दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है और अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है।
आतिशी के पास 13 विभाग बरकरार
आतिशी ने केजरीवाल सरकार में अपने पास मौजूद 13 विभागों को बरकरार रखा है, जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं। सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य और शहरी विकास विभाग आवंटित किया गया है, जबकि गोपाल राय पर्यावरण से संबंधित विभाग देखते हैं।
इमरान हुसैन खाद्य आपूर्ति और चुनाव कर्तव्यों का प्रबंधन करते हैं। नए सदस्य मुकेश अहलावत को श्रम, एससी और एसटी, रोजगार और भूमि और भवन विभागों का प्रभार मिला।
गोपाल राय को केजरीवाल सरकार में उनके पास मौजूद विभागों विकास, सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यावरण और वन का प्रभार दिया गया है। आतिशी की अध्यक्षता वाली नई कैबिनेट के पास लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और अगले साल फरवरी में दिल्ली में चुनाव होने से पहले अगले कुछ महीनों में शुरू की जाने वाली नई पहलों की एक लंबी सूची है।