Rohit Sharma-Virat Kohli Test career: 6 दिन में टीम इंडिया को 2 बड़े झटके?, 7 मई को रोहित शर्मा और 12 मई को विराट कोहली, युग का अंत!

Rohit Sharma-Virat Kohli Test career: टेस्ट क्रिकेट से ROKO (रोहित-विराट) युग खत्म हो गया है। 6 दिन में 2 बड़े खिलाड़ी संन्यास ले लिए।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 12, 2025 14:15 IST2025-05-12T14:08:38+5:302025-05-12T14:15:50+5:30

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Rohit Sharma-Virat Kohli Test career

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HighlightsRohit Sharma-Virat Kohli Test career: इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिख टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी।Rohit Sharma-Virat Kohli Test career: इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच (20 जून-4 अगस्त) की सीरीज खेलनी है।Rohit Sharma-Virat Kohli Test career: रोहित शर्मा के बाद विराट कोहली ने टेस्ट से संन्यास की घोषणा की है।

Rohit Sharma-Virat Kohli Test career: भारतीय टीम लगातार दो साल से आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप खेल रही थी। टीम दोनों मौके पर उपविजेता रही। इस बार टीम इंडिया इस फाइनल दौड़ से बाहर हो गई है। भारतीय टीम को जून-अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच (20 जून-4 अगस्त) की सीरीज खेलनी है। बीसीसीआई और टीम इंडिया को 6 दिन में बड़ा झटका लगा है। टी20 मैच से एक साथ संन्यास लेने वाले कप्तान रोहित शर्मा के बाद पूर्व कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। 7 मई को रोहित ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिख टेस्ट नहीं खेलने का ऐलान किया था तो 12 मई को विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिख टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी। टेस्ट क्रिकेट से ROKO (रोहित-विराट) युग खत्म हो गया है। 6 दिन में 2 बड़े खिलाड़ी संन्यास ले लिए।

  

कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा आसान नहीं लेकिन यही सही है

भारत के चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे टी20 के दौर में भी पारंपरिक क्रिकेट के संकटमोचक क्रिकेटरों में शुमार इस महान खिलाड़ी के इस प्रारूप में सुनहरे दौर पर विराम लग गया । छत्तीस वर्षीय कोहली ने पिछले साल ही टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया था।

अब तक सिर्फ एक दिवसीय क्रिकेट खेलेंगे । उन्होंने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 46.85 के औसत से 30 शतकों की मदद से 9230 रन बनाए हैं। जब टी20 क्रिकेट वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में था, तब वह टेस्ट प्रारूप में इस बचाने की मुहिम में सबसे आगे थे। कोहली ने स्वीकार किया कि यह फैसला करना आसान नहीं था।

जिससे खेल के लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर घोषणा की, ‘‘मैं खेल के लिए, जिन लोगों के साथ मैदान में खेला और हर उस व्यक्ति के लिए दिल में आभार लेकर जा रहा हूं जिसने मुझे इस खेल के दौरान खेलते हुए देखा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 14 साल पहले ‘बैगी ब्लू’ पहनी थी।

सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे गढा और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा। ’’ मेगास्टार का आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया दौरा था जो का एक निराशाजनक रहा था जिसमें उन्होंने सिर्फ एक शतक बनाया था। इस तरह उनके करियर का अंत 10,000 रन के आंकड़े से कम रहा।

जिसे एक समय औपचारिकता माना जाता था। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सात दोहरे शतकों के साथ इस प्रारूप के दिग्गज के रूप में अपनी पहचान बनाई जो किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है। वह महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) से काफी आगे है।

ऐसे समय में जब टी20 लीग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी लोकप्रिय और सबसे ज्यादा देखी जाने वाला टूर्नामेंट बन गई तब कोहली के जादू ने प्रशंसकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई। यह बात सर विव रिचर्ड्स ने भी स्वीकार की जिनके साथ अक्सर उनकी तुलना की जाती थी।

कोहली ने प्रारूप के लिए अपने विदाई नोट में लिखा, ‘‘सफेद कपड़ों में खेलना अंदरूनी रूप से बहुत ही व्यक्तिगत होता है। शांति से मेहनत करना, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता लेकिन ये पल हमेशा आपके साथ रहते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खेल के इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं तो यह आसान नहीं है। लेकिन यह सही लगता है।

मैंने इसे अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे उम्मीदों से कहीं अधिक दिया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा। ’’ उनके संन्यास के साथ ही टेस्ट प्रारूप से भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों का बाहर होना जारी है। रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर में) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) भी इस प्रारूप से संन्यास ले चुके हैं।

रोहित शर्मा ने तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, वनडे खेलना जारी रखेंगे

रोहित शर्मा ने बुधवार को तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे सबसे लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर सभी अटकलें खत्म हो गईं। अब भारत को इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की श्रृंखला के लिए नए कप्तान की जरूरत होगी। पिछले साल विश्व कप के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से पहले ही संन्यास ले चुके रोहित अब भारत के लिए केवल वनडे प्रारूप में ही कप्तानी करते नजर आएंगे। रोहित ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी टेस्ट कैप के साथ एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘‘सभी को नमस्कार, मैं बस यह साझा करना चाहता हूं कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं।

 

सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही है। ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘इतने सालों तक मिले प्यार और समर्थन के लिए आपका शुक्रिया। मैं वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा। ’’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी पुष्टि की कि रोहित वनडे कप्तान के तौर पर जारी रहेंगे।

बीसीसीआई ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘धन्यवाद कप्तान। सफेद कपड़ों के एक युग का अंत। रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा। वह वनडे में भारत की अगुआई करना जारी रखेंगे। हमें आप पर गर्व है हिटमैन। ’’ रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की कप्तानी की।

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछली श्रृंखला और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बोर्डर-गावस्कर श्रृंखला के अलावा कप्तान के रूप में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा। इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए भारत के पास एक नया टेस्ट कप्तान होगा जिसके संभावित उम्मीदवार जसप्रीत बुमराह, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत हो सकते हैं।

बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कुछ टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की थी। राहुल और गिल इस दौड़ में सबसे आगे हैं क्योंकि उप कप्तान बुमराह को फिटनेस के मुद्दे हैं। पर बुमराह की पूरी तरह से अनदेखी भी नहीं की जा सकती। रोहित ने चार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत का नेतृत्व किया और उनमें से दो में जीत दिलाई।

वह एकदिवसीय मैचों में 11,000 से अधिक रन बनाने वाले और 32 शतक जड़ने वाले एक महान खिलाड़ी हैं। यह 38 वर्षीय खिलाड़ी अपने करियर के दूसरे हिस्से में भारत के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक था। रोहित ने 67 टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए।

भारतीय कप्तान के एक करीबी सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘रोहित 2027 वनडे विश्व कप खेलने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और वह फिट रहने और इस बड़े टूर्नामेंट में खेलने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। ’’ बुधवार को उनकी घोषणा से पहले की परिस्थितियां आदर्श नहीं थीं। रोहित के एक करीबी सूत्र की मानें तो चैंपियन बल्लेबाज ने मार्च में भारत के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला किया था। और हालांकि यह बात महत्वपूर्ण लोगों को पता थी लेकिन अधिकारियों ने उनके भविष्य को लेकर मीडिया में अटकलों को हवा दी जिन्होंने खुलकर सामने आने से मना कर दिया।

रोहित के करीबी सूत्र ने कहा, ‘‘भारत के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से ही रोहित के दिमाग में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का विचार था। एक नया डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप) चक्र शुरू हो रहा था और इसलिए उन्हें लगा कि यह सबसे अच्छा समय है। ’’ रोहित को पिछले कई सालों से करीब से देखने वाले बीसीसीआई के एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा, ‘‘अगर रोहित ने फैसला कर लिया था कि वह टेस्ट से संन्यास ले लेंगे तो उन्हें बाहर करने का सवाल ही कहां उठता है?’’

पता चला है कि चयन समिति ने रोहित को इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं दी कि वह इंग्लैंड जाने वाली टीम में शामिल होंगे या नहीं, जिसकी घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी। वहीं रोहित ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपने करियर पर अंतिम फैसला खुद लेना चाहते हैं।

हालांकि भारतीय चयन समिति ने मुंबई में अनौपचारिक रूप से बैठक की लेकिन यह पुष्टि नहीं हो सकी कि मुख्य कोच गौतम गंभीर इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के खाके पर चर्चा करने के लिए दिल्ली से ऑनलाइन उनके साथ जुड़े या नहीं। रोहित ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कठिन दौर का सामना किया, जहां उन्हें खराब फॉर्म के कारण अंतिम एकादश से बाहर होने का फैसला करना पड़ा।

पर उन्होंने उस समय संन्यास लेने से इनकार कर दिया था। मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ उनके मतभेदों की भी काफी अटकलें रही थीं जिन्होंने पिछले साल जुलाई में कार्यभार संभालने के बाद भारतीय क्रिकेट में ‘स्टार संस्कृति’ खत्म करने की बात की थी। दोनों ने लगातार इस बात का खंडन किया। लेकिन गंभीर ने बार बार स्पष्ट किया है कि केवल प्रदर्शन ही टीम में चयन सुनिश्चित करेगा।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि रोहित की टेस्ट कप्तानी का मुख्य आकर्षण भारत को 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना था जिसमें टीम को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। इसी साल टीम एकदिवसीय विश्व कप के फाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। 

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