प्रयागराज: माफिया-राजनेता अतीक अहमद को 2005 में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एएमएल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। साथ ही दो और आरोपी दिनेश पासी और हनीफ को भी मामले में दोषी करार दिया गया है।
उमेश पाल का अपहरण 2006 में किया गया था। अतीक के साथ-साथ उसका भाई अशरफ भी इस मामले में आरोपी था। हालांकि कोर्ट ने उसे और 7 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सजा का ऐलान भी आज कुछ देर में किया जा सकता है।
इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस की ओर से मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल की इसी साल फरवरी में हत्या भी कर दी गई थी।
अतीक को सोमवार शाम ही गुजरात से प्रयागराज के नैनी जेल लाया गया था। इसके अलावा अतीक अहमद के भाई अशरफ को भी बरेली की जेल से प्रयागराज लाया गया था। फैसला सुनाने के दौरान दोनों अदालत में मौजूद थे। दोनों को आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से अदालत परिसर लाया गया।
उमेश पाल की हत्या का भी अतीक अहमद पर आरोप
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
क्या है पूरा मामला
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या के चश्मदीद थे। उमेश पाल ने साथ ही आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था।
बता दें कि फूलपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। दरअसल यूपी में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।