लाइव न्यूज़ :

'स्मृति स्थल' पर होगा अटल का अंतिम संस्कार, 1.5 एकड़ जमीन पर बनेगी समाधि, जानें इस जगह की विशेषता

By गुलनीत कौर | Updated: August 17, 2018 10:44 IST

स्मृति स्थल पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरु के 'शांति वन' और लाल बहादुर शास्त्री के 'विजय घाट' समाधि स्थल के ठीक बीचोबीच बना है।

Open in App

भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के साथ भारतीय राजनीति का एक युग समाप्त हो गया। भारतीय जनता पार्टी में हर किसी के प्रेरणा स्रोत रहे अटल जी ने 16 अगस्त, दिन गुरूवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली के AIIMS अस्पताल में आखिरी सांस ली। 11 जून से वे AIIMS में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य स्थिर हालात में ही था परंतु 15 अगस्त से ही उनकी हालत नाजुक होने की खबरें आने लगीं। पूरा देश अटल जी के अच्छे स्वास्थ्य की दुआ में लग गया लेकिन हुआ वही जो समय को मंजूर था। 

93 वर्ष की उम्र में अटल जी इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके निधन पर ना केवल राजनीतिक दिग्गज बल्कि पूरा देश शोक में आ गया। अटल जी के 'दागरहित' राजनीतिक करियर के कारण ही वे लोगों के दिलों में बसे हैं। एक बेहतरीन राजनेता के अलावा वे एक उम्दा कवि-लेखक भी थे, इसलिए कविता जगत से लेकर फिल्मी जगत के लोग भी उनके काफी करीब थे।

गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि गंभीर बीमारियों के कारण अटल जी की हालत इतनी नाजुक बनी और आखिरकार वे जिन्दगी की जंग हार गए। 16 अगस्त को निधन के बाद 17 अगस्त को उन्हें राजघाट के पास 'स्थित स्मृति' स्थल पर अंतिम विदाई दी जाएगी, यहीं पर उनका समाधि स्थल भी बनाया जाएगा। आइए आपको इस समाधि स्थल के बारे में बताते हैं: 

स्मृति स्थल पर समाधि

कोर्ट के फैसले के अनुसार अटल जी का अंतिम संस्कार राजघाट के पास स्थित 'स्मृति स्थल' पर 17 अगस्त की शाम 4 बजे किया जाएगा। यहां 1.5 एकड़ जमीन पर उनकी समाधि बनाई जाएगी। स्मृति स्थल के ठीक पास शक्ति स्थल है, जो कि पूर्व महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की समाधि है, यहां पर अटल जी के अंतिम संस्कार से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तुओं के रख-रखाव का आयोजना किया जा रहा है।

क्या है स्मृति स्थल?

स्मृति स्थल राजघाट के पास स्थित एक ऐसा स्थल है जिसे सरकार द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल बनाए जाने के लिए प्रदान किया गया है। स्मृति स्थल पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरु के 'शांति वन' और लाल बहादुर शास्त्री के 'विजय घाट' समाधि स्थल के ठीक बीचोबीच बना है। साल 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री आई. के. गुजराल को भी इसी स्मृति स्थल पर अंतिम विदाई देकर उनकी समाधि यहां बनाई गयी थी। उनके बाद अब अटल बिहारी वाजपेयी को स्मृति स्थल पर एक ऊंचे प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार के बाद 1.5 एकड़ जमीन पर समाधि उपलब्ध कराई जाएगी।

अटल बिहारी वाजपेयी समेत देश के ये 6 बड़े नेता भी हैं गंभीर बीमारियों के शिकार

स्मृति स्थल के आसपास की जगहें

जिस स्मृति स्थल परा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि बनने जा रही है उसके आसपास कै सारे समाधि स्थल बने हैं जो विभिन्न राजनीतिक चेहरों को समर्पित हैं। जैसे कि राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थल है। इसके पास विजय घाट पर लाल बहादुर शास्त्री, किसान घार पर चौधरी चरण सिंह, वीर भूमि पर राजीव गांधी, महाप्रयाण पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, शांति वन पर जवाहरलाल नेहरु, अभय घार परा मोरारजी देसाई, एकता स्थल पर ज्ञानी जैल सिंह, आदि कई समाधि स्थल बनाए गए हैं। आपको बता दें कि राजघाट या इसके आसपास किसी भी राजनीतिक चेहरे को इतनी आसानी से समाधि स्थल प्राप्त नहीं होता है लेकिन भाजपा की यह दिल से इच्छा दी कि अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम विदाई अच्छी तरह हो और उन्हें समाधि स्थल भी प्राप्त हो। 

टॅग्स :अटल बिहारी वाजपेयीएनडीए सरकारभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतBihar Govt Formation: नीतीश कुमार को मिलेगी महिला डिप्टी? बिहार कैबिनेट का फॉर्मूला लगभग तय

भारतBihar Govt Formation: नीतीश कुमार ही होंगे मुख्यमंत्री, शपथ ग्रहण समारोह से पहले बिहार भाजपा अध्यक्ष का दावा

भारतBihar Govt Formation: बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को, प्रधानमंत्री कार्यक्रम में होंगे शामिल

भारतBihar Govt Formation: पीएम मोदी के एमवाय के नए फार्मूले का बिहार मंत्रिमंडल में दिख सकता है ज्यादा प्रभाव, महिला और युवाओं को साध सकती है भाजपा

भारतBihar Elections Results: बिहार के 15 जिलों में महागठबंधन का नहीं खुल सका खाता, एनडीए ने कर दिया सूपड़ा साफ

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल