लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरी बार चुनाव जीतकर आने वाले कई मंत्रियों ने अपने लिए पहले से बड़े बंगले को लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय पर दबाव बनाया लेकिन बाद में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिये. इसकी वजह यह है कि मंत्रालय ने नियमों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें यह पता नहीं चल जाता है कि कितने राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है या फिर ऐसे कितने मंत्री हैं जो फिर से कैबिनेट में आने वाले हैं, उसे नियमानुसार नए बंगले आवंटित करने में तकनीकी समस्या से दो-चार होना पड़ेगा. ऐसे में उनका अनुरोध है कि नए बंगले की मांग करने वाले मंत्री थोड़ा इंतजार करें.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि करीब आधा सांसदों और मंत्रियों ने फिर से चुनाव जीतने का हवाला देते हुए यह जानकारी मांगी थी कि क्या उन्हें पहले से बड़ा आवास-बंगला मिल सकता है. इनमें से कुछ सांसद पहले नॉर्थ-साउथ एवेन्यू और स्वर्ण जयंती आवासीय परिसर में रहते हैं. वहीं, तीन मंत्री, जो एक बार फिर से चुने गए हैं, उन्होंने भी अपने दोबारा चुनाव का हवाला देते हुए उन्हें आवंटित टाइप सात के बंगले की जगह टाइप आठ बंगला देने को लेकर जानकारी हासिल की थी. लेकिन अभी नए मंत्रियों के नाम सार्वजनिक नहीं हुए हैं, ऐसे में नए बंगलों का आवंटन संभव नहीं है. जिसकी वजह से उन्हें शपथ-ग्रहण समारोह तक इंतजार करने के लिए कहा गया है. इसी तरह से सांसदों को भी करीब पंद्रह से बीस दिन का इंतजार करने के लिए कहा गया है.
अरूण जेटली जा सकते हैं अपने निजी घर में
एक दशक बाद कृष्णा मेनन मार्ग स्थित 6 ए, नंबर का बंगला इस बार किसी केंद्रीय मंत्री को आवंटित हो सकता है. यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपनी मृत्यु से पूर्व करीब एक दशक तक रहे हैं. दूसरी ओर, अपने स्वास्थ्य की वजह से केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली अपने सरकारी बंगला 2 कृष्णा मेनन मार्ग को छोड़कर कैलाश कालोनी स्थित अपने निजी घर में जा सकते हैं.