ये जीत राहुल गांधी और कांग्रेस की नहीं है, किसानों और नौजवानों के गुस्से की है

By विकास कुमार | Published: December 11, 2018 02:26 PM2018-12-11T14:26:04+5:302018-12-11T14:26:04+5:30

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बात को समझ लेना चाहिए कि उन्हें ये समर्थन पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि किसानों के हित के लिए मिले हैं, इसलिए उन्हें उन सभी वादों को पूरा करना होगा जिसका वादा उन्होंने अपने घोषणापत्र में किया था।

Assembly election result : this win is not for Rahul Gandhi and Congress but for Farmers and youths | ये जीत राहुल गांधी और कांग्रेस की नहीं है, किसानों और नौजवानों के गुस्से की है

ये जीत राहुल गांधी और कांग्रेस की नहीं है, किसानों और नौजवानों के गुस्से की है

विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा का सफाया हो चुका है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस बहुमत कि ओर बढ़ती हुई दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी भी उतार-चढ़ाव भरे नतीजों में आगे-पीछे हो रही है। लेकिन इतना तय है कि बिना जोड़-तोड़ के सरकार बनाने का दावा ना कांग्रेस कर सकती है और भाजपा के लिए तो ये नामुमकिन है। बीजेपी के चाणक्य अमित शाह लाख कोशिशें कर लें, लेकिन इतना तय है कि जो राजनीतिक सन्देश जाना था वो चला गया। 

कांग्रेस पार्टी अपने जीत पर इठला सकती है, उन्हें पूरा हक है। आखिर पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह उनके अध्यक्ष ने मेहनत किया है उसका फल तो उन्हें मिलना ही था। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या यह जीत कांग्रेस पार्टी की है ? क्योंकि पिछले कुछ समय से जिस तरह देश में किसानों और नौजवानों ने केंद्र में स्थापित सत्ता के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया है, उसने केंद्र में बैठे अहंकारी नेताओं और अधिकारियों की चूलें हिला दी है।  

महाराष्ट्र का किसान विदर्भ से पैदल चलकर दिल्ली में अपनी आवाज को बार-बार उठा रहा है। तमिलनाडु का किसान दिल्ली दरबार पर अपनी हाजिरी बार-बार लगा रहा है। ट्रेंड बदला है और ये इसका किसी राजनीतिक दल को नहीं किसानों को जाना चाहिए। हां, उस आंदोलन का फायदा अगर किसी राजनीतिक दल को मिल जाए तो ये उनकी किस्मत है। 

हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा कर केंद्र की सत्ता हथियाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने देश में कितने नौजवानों को रोजगार दिया है। किसानों की आय दोगुना करने के नाम पर उनके साथ छल किया गया। इसका सबसे बड़ा उदहारण 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' है। हाल ही में हुई एक आरटीआई खुलासे में ये बात सामने आई थी कि फसल बीमा योजना में शामिल कंपनियों को 14000 करोड़ का फायदा हुआ है। किसानों का अभी तक 2900 करोड़ बकाया है। उन्हें प्रीमियम की राशि देने के बाद भी समय पर उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है। 

देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। सरकार की मुद्रा योजना से कितने रोजगार पैदा हुए, इसका सही आंकड़ा सरकार के पास भी नहीं है। सरकार के कुछ मंत्रियों का अहंकार सातवें आसमान पर है। देश में लगातार बढ़ रहे किसानों की आत्महत्या और नौजवानों की बेरोजगारी ही भाजपा के हार का कारण हैं। कांग्रेस ने भी अपने कार्यकाल में कोई बहुत ज्यादा झंडे नहीं गाड़े थे। लेकिन पक्ष के हार का फायदा तो विपक्ष को ही होता है। 

कांग्रेस ने जिस तरह से चुनावों में किसानों के लोन माफ करने का वादा किया था, उसका साफ फायदा उन्हें होता हुआ दिख रहा है। राहुल गांधी ने कहा था कि हमारी सरकार बनने के बाद हम 10 दिन में किसानों के 2 लाख तक के लोन माफ कर देंगे। हमारे राजनेता किसानों को अस्थायी विकल्पों को दिखाकर चुनाव में वोट तो ले लेते हैं, लेकिन उसका स्थायी समाधान खोजने का प्रयास कोई नहीं करता है। 

राहुल गांधी को इस बात को समझ लेना चाहिए कि उन्हें ये समर्थन मोदी के खिलाफ नहीं बल्कि किसानों के हित के लिए मिले हैं, इसलिए उन्हें उन सभी वादों को पूरा करना होगा जिसका वादा उन्होंने अपने घोषणापत्र में किया था। नहीं तो आगे भी चुनाव हैं और विकल्पों की कमी नहीं है।  

Web Title: Assembly election result : this win is not for Rahul Gandhi and Congress but for Farmers and youths

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे