उग्रवादी समूह यूनाइडेट पीपल्स रिवोल्यूश्नरी फ्रंट (यूपीआरएफ) के एक कमांडर इन चीफ मांगिन खोल्हो के मारे जाने की खबर सामने आई है। पुलिस के अनुसार उसे उसके ही साथियों ने शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को असम के कार्बी आंगलोंग जिले में झगड़े के बाद गोलियों से भून डाला।
पुलिस के मुताबिक मांगिन खोल्हो को 'वीरप्पन' के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि वह लकड़ी की तस्करी में लंबे समय से शामिल था। साथ ही यूपीआरएफ में वह एकमात्र सबसे सीनियर सदस्य बचा था। दरअसल इस उग्रवादी संगठन के कई लोग पहले ही पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं तो वहीं कई ने आत्मसमर्पण भी किया है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को ग्रुप के अंदर किसी मुद्दे पर बहस हो गई। ये सबकुछ कार्बी आंगलोंग जिले के हेडक्वॉर्टर दीप्हू से 56 किलोमीटर दूर बोकाजान शहर के बाहरी हिस्से में जंगल में मौजूद एक पहाड़ी इलाके में हुआ। ये जगह पड़ोसी राज्य नागालैंड के शहर दीमापुर से करीब 15 किमी दूर है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
पुलिस ने कहा, 'मांगिन को कई राउंड गोलियां मारी गई हैं और उसका शव रविवार को मिला। ऐसा लगता है कि उसके ही साथियों ने उसकी हत्या कर दी।' शव को घटनास्थल से बोकाजान में एक अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद इसे पोस्टमार्टम के लिए दीप्हू भेज दिया गया।
बता दें कि यूपीआरएफ संगठन में मुख्य रूप से कुकी समाज के लोग शामिल हैं। ये समुदाय असम के दक्षिणी हिस्से में पहाड़ियों पर रहता है। बीच के वर्षों में ये संगठन काफी सक्रिय था। हालांकि मार्टिन गिटे के पिछले साल अक्टूबर में पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद इसके कई सदस्यों ने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया था।