असम: पिछले 24 घंटे में जापानी इंसेफेलाइटिस से 3 लोगों की मौत, मरने वालों का आंकड़ा 35 पहुंचा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 21, 2022 02:17 PM2022-07-21T14:17:39+5:302022-07-21T14:17:39+5:30

जापानी इंसेफेलाइटिस जिसे जापानी बुखार भी कहा जाता है उसके मामले असम में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से 3 लोगों की मौत हो गई है। पिछले कुछ दिनों में आसाम में जापानी बुखार से मरने वालो की संख्या अब 35 पहुंच गई है। 

Assam: Japanese Encephalitis kills 3 more in 24 hours | असम: पिछले 24 घंटे में जापानी इंसेफेलाइटिस से 3 लोगों की मौत, मरने वालों का आंकड़ा 35 पहुंचा

असम: पिछले 24 घंटे में जापानी इंसेफेलाइटिस से 3 लोगों की मौत, मरने वालों का आंकड़ा 35 पहुंचा

Highlightsभारत में 1955 में जापानी इंसेफेलाइटिस का पहला मामला सामने आया था। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में प्रसारित नहीं होता, मच्छर के काटने से फैलता है।

गुवाहाटी : जापानी इंसेफेलाइटिस असम के लिए बड़ी परेशानी बन गया है। जापानी इंसेफेलाइटिस या जापानी बुखार से पिछले कई दिनों में 35 लोगों की जान चली गई है। वहीं पिछले 24 घंटे की बात की जाए तो जापानी इंसेफेलाइटिस से 3 लोगों की मौत हो गई है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुताबिक असम में पिछले 24 घंटो में जापानी इंसेफेलाइटिस के 24 नए मामले भी सामने आए हैं। जुलाई से अब तक इस संक्रमण के 226 केस सामने आ चुके हैं। जापानी बुखार के 4 नए मामले नगावं, 4 बिसवनाथ जिला,  3 जोरहाट से और धेमाजी से 2 केस सामने आए हैं। इसके अलावा भी कई मामले पिछले 24 घंटे में दर्ज किए गए हैं। 

मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है जापानी बुखार

जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है और फ्लेविवायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इसके कारण बुखार,सिरदर्द, भ्रम, दौरे और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है।

यह संक्रमण सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित करता है और गर्मी के दौरान अधिक सक्रिय रूप से फैलता है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस डेंगू पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस से संबंधित एक फ्लेविवायरस है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का एक प्रमुख कारण है

अधिकांश मामलों में लक्षण नहीं दिखाई देते

अधिकांश मामलों में जेई यानी जापानी इंसेफेलाइटिस से संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते अगर मरीजों में लक्षण होते भी हैं तो बहुत हल्के होते हैं। संक्रमितों के मस्तिष्क में सूजन की समस्या हो सकती है।इसकी वजह से तेज सिरदर्द बुखार कंपकंपी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके साथ साथ गर्दन में अकड़न भी होती है कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति के कोमा में जाने की भी आशंका होती है।

भारत में 1955 में जापानी इंसेफेलाइटिस का पहला मामला सामने आया था। देश के विभिन्न हिस्सों में इसका प्रकोप है परन्तु असम,कर्नाटक, उत्तर प्रदेश बिहार और झारखण्ड में इसका प्रभाव ज्यादा है ।

Web Title: Assam: Japanese Encephalitis kills 3 more in 24 hours

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