'द कश्मीर फाइल्स' देखने के लिए असम सरकार ने कर्मचारियों को आधे दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया
By भाषा | Published: March 16, 2022 08:28 PM2022-03-16T20:28:37+5:302022-03-16T20:33:33+5:30
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देखने के लिए असम सरकार अपने कर्मचारियों को आधे दिन की छुट्टी देगी। इसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने की है।
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने के लिए आधे दिन की छुट्टी दी जाएगी। वहीं, एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि इस फिल्म से सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा इसलिए इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।
अगले दिन फिल्म टिकट जमा करानी होगी
मुख्यमंत्री ने एक मल्टीप्लेक्स में मंगलवार रात को मंत्रिमंडल के सहकर्मियों के साथ फिल्म देखी और कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को फिल्म देखने के लिए आधे दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा। सरमा ने कहा, “उन्हें केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देनी होगी और अगले दिन टिकट सौंपना होगा।” सरमा ने कहा कि कश्मीरी पंडितों का जनसंहार और कश्मीर से उनका पलायन मानवता पर एक धब्बा है।
उन्होंने ट्वीट किया, “फिल्म में उनकी हृदय विदारक पीड़ा को दर्शाया गया है। मैंने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और भाजपा तथा अन्य दलों के विधायकों के साथ इस फिल्म को देखा।” उन्होंने कहा कि असम में कोई मनोरंजन कर नहीं है इसलिए इसमें छूट देने का कोई मतलब नहीं है।
बदरुद्दीन अजमल ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
इस बीच, आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरमा से इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करेंगे क्योंकि इससे “हिंदू-मुसलमान के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।”
धुबरी से सांसद अजमल ने कहा, “(कश्मीर की) यह घटनाएं तीन दशक पहले हुईं और ऐसी स्थिति अब नहीं है। अगर फिल्म पर पाबंदी नहीं लगी तो इससे बेवजह की हिंसा होगी।” उन्होंने कहा कि असम में 1983 में नेल्ली में हजारों मुस्लिमों को मारा गया था लेकिन उस पर किसी ने फिल्म नहीं बनाई।