गुवाहाटीः असम में बुधवार को बाढ़ के हालात और बिगड़ गये जहां दो और लोगों की जान चली गयी तथा राज्य के 26 जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 26 लाख से अधिक हो गयी।
एक सरकारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव राजस्व क्षेत्र में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी। अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से 115 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 89 लोग बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मारे गये, वहीं 26 ने भूस्खलन में जान गंवा दी।
प्राधिकरण ने कहा कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दर्रांग, बकसा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपाड़ा, कामरूप, कामरूप महानगर, मोरीगांव, नगांव, होजई, गोलाघाट, जोरहट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और कछार जिलों में 26.31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
गोलपाड़ा सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जिसके बाद बारपेटा और मोरीगांव प्रभावित हुए हैं
गोलपाड़ा सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जिसके बाद बारपेटा और मोरीगांव प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, जिला प्रशासनों और स्थानीय लोगों ने राज्य में 80 नौकाओं की मदद से मंगलवार से अब तक 452 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
एएसडीएमए ने कहा कि इस समय राज्य में 2,525 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 1,15,515.25 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गयी है। प्राधिकरण के अनुसार अधिकारी 20 जिलों में 391 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं जहां 45,281 लोगों ने शरण ले रखी है।
प्रभावित जनता को कुल 3,383.81 कुंटल चावल, दाल और नमक, 606.10 लीटर सरसों का तेल बांटा गया है। इसके साथ ही तिरपाल, बच्चों के लिए खाद्य पदार्थ, मोमबत्ती, माचिस, मच्छरदानी, बिस्किट, साबुन, पेयजल, मवेशियों का चारा, मास्क आदि समेत राहत सामग्री भी वितरित की गयी है। असम में ब्रह्मपुत्र डिब्रूगढ़, धुबरी और गोलपाड़ा शहरों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जोररहट के निमतीघाट और सोनितपुर जिले के तेजपुर में भी यही हाल है।
असम, बिहार में बाढ़ राहत का काम लंबा चलेगा : एनडीआरएफ डीजी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि बल असम और बिहार में बाढ़ राहत और बचाव के लिये “मिशन स्तर” पर काम कर रहा है लेकिन यह काम लंबा चलेगा। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि संघीय आपदा बल के कुल 16 दल असम में और 20 दल बिहार में तैनात हैं। बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा, “बिहार में स्थिति कल थोड़ी ज्यादा गंभीर थी क्योंकि गंडक नदी में करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और उत्तरी बिहार की अन्य नदियों में भी पानी आ रहा था।”
उन्होंने कहा, “असम में स्थिति तुलनात्मक रूप से थोड़ी बेहतर है क्योंकि वहां अब उतनी बारिश नहीं हो रही जितनी पहले हो रही थी।” उन्होंने कहा, हालांकि एनडीआरएफ द्वारा “मिशन स्तर” पर राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है और जब तक जरूरत होगी यह अभियान चलाया जाएगा।
हम समझते हैं कि जितनी जरूरत है यह उससे संभवत: कहीं ज्यादा लंबा है
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा, “हम समझते हैं कि जितनी जरूरत है यह उससे संभवत: कहीं ज्यादा लंबा है और एनडीआरएफ इस काम में संलग्न है और हम इसे करने के इच्छुक हैं।” उन्होंने कहा, “स्थानीय प्रशासन जहां कहीं भी चाहता था वहां दोनों राज्यों में हमनें लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है।”
प्रधान ने कहा कि इस बार बाढ़ के साथ ही कोविड-19 के प्रसार की “दोहरी चुनौती” का सामना करते हुए राहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमें सभी ऐहतियात बरतनी होगी। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एनडीआरएफ कर्मियों को अन्य लोगों को बचाने से पहले खुद का बचाव करना है और इस प्रक्रिया में कुछ लोग संक्रमित हो सकते हैं जैसा चक्रवात अम्फान के दौरान हुआ था।”
असम के 26 जिलों में बाढ़ से करीब 26 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि 89 लोगों की जान जा चुकी है। बिहार सरकार द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक राज्य के आठ जिले बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि साढ़े तेरह हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
केंद्र ने असम में बाढ़़ की स्थिति से निपटने को 346 करोड़ रुपये जल्द जारी करने की घोषणा की
केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति से निपटने के वास्ते जल्द ही 346 करोड़ रुपये प्रारंभिक राशि के तौर पर जारी करेगा जिससे इस पूर्वोत्तर राज्य में 56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में बुधवार को दी गई। इसमें कहा गया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य में बाढ़ की स्थिति पर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने इस फैसले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘केंद्र सरकार बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत जल्द ही 346 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करेगी।’’ इसमें कहा गया है कि निचले असम के जिलों में बाढ़ के मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्र इस मामले को भूटान सरकार के साथ भी उठाएगा। मॉनसून के दौरान, भूटान में बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ने से असम के सभी निचले जिलों, खासकर बारपेटा, नलबाड़ी और कोकराझार के इलाकों में बाढ़ आ जाती है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, इस साल अब तक बाढ़ और भूस्खलन में 115 लोगों की जान चली गई है। इनमें से 89 लोगों की मौत बाढ़ से संबंधित घटनाओं में और 26 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है। एएसडीएमए ने कहा कि असम में बाढ़ की स्थिति और भी खराब हो गई है और इसमें दो और व्यक्तियों की मौत हो गई है। वहीं 26 जिलों में 26 लाख से अधिक लोग अभी भी प्रभावित हैं। इस साल राज्य में कुल मिलाकर लगभग 56 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।