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असमः भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी में ईवीएम, विपक्ष ने बोला हल्ला, बैलेट पेपर से हों चुनाव

By शीलेष शर्मा | Updated: April 2, 2021 20:06 IST

असम के करीमगंज जिले में बृहस्पतिवार रात ईवीएम को स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के लिए भाजपा उम्मीदवार के वाहन का इस्तेमाल होते देख भीड़ भड़क उठी और हिंसा हुई।

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ठळक मुद्देपुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए हवा में गोलियां चलायीं।विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने आरोप लगाया कि ईवीएम की ‘‘चोरी’’ की गयी।भाजपा तथा यूपीपीएल के सदस्यों पर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उसे छीनकर ले जाने का प्रयास किया।

नई दिल्लीः ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच आज यह मुद्दा उस समय गर्मा गया जब असम के पथारकंडा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम पायी गयी।

 

हालांकि चुनाव आयोग ने 4 अधिकारियों को निलंबित कर उसी बूथ पर पुनः मतदान के आदेश दिये हैं लेकिन कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष अब चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है तथा मांग उठ रही है कि चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से हों। भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी से मिली ईवीएम पर राहुल ने तल्ख़ टिप्पणी की "EC की गाड़ी ख़राब,भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब!" टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता ने भी मांग की कि चुनाव बैलेट पेपर से कराये जायें क्योंकि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रह गया है। 

प्रियंका गांधी जो कोरोना संक्रमित अपने पति के संपर्क में आने से आइसोलेशन में हैं। ट्वीट किया " क्या स्क्रिप्ट है? चुनाव आयोग की गाड़ी खराब हुई, तभी वहां एक गाड़ी प्रकट हुई। गाड़ी भाजपा के प्रत्याशी की निकली। मासूम चुनाव आयोग उसमें बैठकर सवारी करता रहा।प्रिय EC, माजरा क्या है? आप देश को इस पर कुछ सफाई दे सकते हैं? या हम सब मिलकर बोलें EC की निष्पक्षता को वणक्कम? "

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पूछा यह आपराधिक मामला है ,भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं।  पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने आयोग और भाजपा पर सवाल उठाते हुए पूछा " राजनीतिक दल लगातार देशभर में ये कह रहे हैं कि ईवीएम को लेकर उन्हें शक है, ईवीएम को लेकर उन्हें शक है।

ये बात पुख्ता होती चली जा रही है और चुनाव आयोग का ये दायित्व बन जाता है कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष होने चाहिए। विश्वभर में चुनाव आयोगों के बारे में ये कहा जाता है, कि जनता के मन में, राजनीतिक दलों के मन में, लोगों के मन में अगर कोई आशंका है, एक प्रतिशत आशंका भी है, तो चुनाव आयोग को उसको निर्मूल करना चाहिए, उसे खत्म करना चाहिए, लेकिन यहाँ धड़ाधड़ हर कुछ लगातार आप लोग देख रहे हैं और ये ईवीएम सिर्फ बीजेपी वालों की कार में क्यों मिलता है? बीजेपी वालों के पास ही क्यों मिलते है ईवीएम और भी किसी दल के लोगों के पास क्यों नहीं मिल पाते?

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