असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अब बिहार विधानसभा में भी मारी एंट्री, सीमांचल में अब समीकरण गड़बड़ाने की आशंका 

By एस पी सिन्हा | Published: October 25, 2019 06:05 AM2019-10-25T06:05:21+5:302019-10-25T06:05:21+5:30

लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर में भी एआईएमआईएम ने किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया था. उस वक्त ही ओवैसी की पार्टी ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि वो सीमांचल की राजनीति में प्रवेश करने जा रही है और आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद बिहार विधानसभा में भी बैठने जा रही है. 

Asaduddin Owaisi's party now entered into Bihar assembly, kishanganj seat won | असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अब बिहार विधानसभा में भी मारी एंट्री, सीमांचल में अब समीकरण गड़बड़ाने की आशंका 

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Highlightsअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन ने अब बिहार विधानसभा में भी एंट्री मार ली है. बिहार के किशनगंज सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार कमरुल होदा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी अनुमानों को खारिज कर दिया और भाजपा की प्रत्याशी स्वीटी सिंह को मात दे दी है.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन ने अब बिहार विधानसभा में भी एंट्री मार ली है. बिहार के किशनगंज सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार कमरुल होदा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी अनुमानों को खारिज कर दिया और भाजपा की प्रत्याशी स्वीटी सिंह को मात दे दी है. इस तरह से सीमांचल की राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत हैं.

यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन उनकी पार्टी के सभी छह उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था. ओवैसी ने पहले मुस्लिम प्रभाव वाली सीमांचल की सभी 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी, लेकिन भाजपा से मिलीभगत के आरोपों के बीच उन्होंने महज छह उम्मीदवार ही उतारे थे. 

हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर में भी एआईएमआईएम ने किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया था. उस वक्त ही ओवैसी की पार्टी ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि वो सीमांचल की राजनीति में प्रवेश करने जा रही है और आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद बिहार विधानसभा में भी बैठने जा रही है. 

सिर्फ यही एक सीट ऐसी रही जहां लड़ाई आमने-सामने की नहीं थी और कांग्रेस के मो. जावेद, जदयू के सैय्यद महमूद अशरफ और एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान के बीच कड़ा मुकाबला रहा था. यही नहीं एक विधानसभा क्षेत्र अमौर में तो इसे जदयू से भी अधिक वोट आया था. 

एआईएमआईएम को यहां 2 लाख 95 हजार 29 वोट आए जो कुल वोट का 26.78 प्रतिशत था. जबकि, कांग्रेस को 3 लाख 67 हजार 17 वोट आया जो 33.32 प्रतिशत था और जदयू को 3 लाख 32 हजार 551 वोट आया, जो कुल वोट का 30.19 फीसदी  रहा.

यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी ओवैसी की पार्टी को कोचाधामन में लीड मिली थी. उनके उम्मीदवार को 6824, जदयू को 38,721 और कांग्रेस को 36,984 वोट मिले थे. इसी तरह बहादुरगंज में भी एआईएमआईएम को 67,625, जदयू को 52,486 और कांग्रेस को 44,492 वोट मिले थे. 

अब जबकि बिहार विधानसभा में इसबार उपचुनाव के दौरान हीं अब एआईएआईएम की पार्टी की एंट्री कर ली है, तो ऐसे में जानकारों का मानना है कि अब इसका असर सीमांचल की राजनीति पर साफ देखा जाएगा. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है. इस तरह से अब संभव है कि एआईएआईएम के आने से राजद और जदयू के मुस्लिम मतों में बिखराव संभावित माना जाने लगा है.

Web Title: Asaduddin Owaisi's party now entered into Bihar assembly, kishanganj seat won

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