असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को चीन सीमा विवाद पर घेरा, बोले- "कारगिल और कश्मीर गये तो चीन सीमा पर भी जाते, देखते क्या हालात हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 28, 2022 14:18 IST2022-10-28T14:12:26+5:302022-10-28T14:18:25+5:30

असदुद्दीन ओवैसी ने दिवाली के दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किये गये कारगिल दौरे और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि उनसे लद्दाख स्थित चीन सीमा विवाद के मामले में तीखे सवाल किये गये हैं।

Asaduddin Owaisi surrounded PM Modi and Defense Minister Rajnath Singh on the issue of Ladakh, said - "If we went to Kargil and Kashmir, China would also go to the border, see what the situation is" | असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को चीन सीमा विवाद पर घेरा, बोले- "कारगिल और कश्मीर गये तो चीन सीमा पर भी जाते, देखते क्या हालात हैं"

फाइल फोटो

Highlightsअसदु्ददीन ओवैसी ने चीन सीमा विवाद को लेकर पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को घेरा पीएम कारगिल और रक्षामंत्री कश्मीर दौरे पर गये तो उन्हें चीन सीमा का भी दौरा करना चाहिए थावे 1947 की बात न करें, उससे पहले उन्हें 2020 में लद्दाख में खोई जमीन पर बात करनी चाहिए

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चीन द्वारा कथिततौर पर किये गये भारतीय भूभाग के अतिक्रमण के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को घेरते हुए कई गंभीर सवाल उठाये हैं।

हैदराबाद से अपनी पार्टी के इकलौते लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिवाली के दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किये गये कारगिल दैरे और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन लोग चीन सीमा के इतने नजदीक गये थे तो उन्हें वहां भी जाना चाहिए था और वहां की स्थिति पर भी बात करनी चाहिए थी।

ओवैसी ने सवालों की छड़ी लगाते हुए इस संबंध में एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किये। अपने पहले ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हमारे पीएम साहब कारगिल में था। रक्षामंत्री राजनाथसिंह कश्मीर में थे। दोनों लोग कुछ मील पूर्व में चीन सीमा तक जा सकते थे और वहां की स्थिति के बारे में बात कर सकते थे। वहां हमारे क्षेत्र पर चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी का नियंत्रण बना हुआ है।"

इसके बाद अलगे ट्वीट में ओवैसी ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए इतिहास की बात छोड़कर मौजूद समय में चीन के अतिक्रमण पर बात करने सलाह देते हुए कहा गया, "इससे पहले कि वे 1947 से क्षेत्र वापस पाने की बात करें क्यों न 2020 में उनके शासन में लद्दाख में खोई जमीन पर बात की जाए। 30 महीनों में कम से कम 1000 वर्ग किमी पर चीनियों का नियंत्रण हो गया है।

तीसरे और अंतिम ट्वीट में सांसद ओवैसी ने लद्दाख के देपसांग और डेमचोक के बार में बात करते हुए कहा, "देपसांग और डेमचोक में क्या स्थिति है? क्या हम स्टेटस में बदलाव को स्वीकार करने जा रहे हैं या फिर हमारे पास अपने क्षेत्र पर वापस नियंत्रण वापस पाने की कोई योजना है? मैं एलएसी की स्थिति पर पूर्ण संसदीय चर्चा की अपनी मांग दोहराता हूं।"

मालूम हो कि इससे पहले भी ओवैसी द्वारा चीन अतिक्रमण के मुद्दे पर सवाल खड़े किये गये थे। मार्च 2022 में चीन के उस दावे पर ओवैसी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से सफाई मांगी थी, जिसमें चीन ने औपचारिक बयान जारी करके कहा था कि उसने लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के मुद्दे पर भारत के साथ सारे विवादों को सुलझा लिया है। चीन के इस कथन पर ओवैसी ने केंद्र से पूछा था कि क्या सरकार पुष्टि करेगी कि क्या यह सच है? यदि हां, तो अंतिम दो दौर की सीमा वार्ता किस बारे में थी?

इसके अलावा ओवैसी ने चीन के कथित अतिक्रमण के मुद्दे पर कहा था कि वो व्यक्तिगत रूप से लद्दाख सीमा पर स्थिति के बारे में बार-बार सवाल उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा था कि चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा हमारे क्षेत्र में सेना के जवानों के लिए अवरोध पैदा किया जा रहा है। उन्हें भारतीय चौकियों तक पहुंचने से वंचित किया जा रहा है, जहां उन्होंने पहले गश्त की थी।

एआईएमआईएम चीफ ने कहा था कि हमारी सरकार अब तक इस मामले में सच बोलने से इनकार कर रही है। यहां तक ​​कि सरकार संसद में भी चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि हमारी अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के ऐसे रवैया और दृष्टिकोण को कभी भी नहीं स्वीकार्य किया जा सकता है। लद्दाख सीमा संकट और चीन से निपटने की हमारी रणनीति पर संसद में उचित बहस होनी चाहिए।

Web Title: Asaduddin Owaisi surrounded PM Modi and Defense Minister Rajnath Singh on the issue of Ladakh, said - "If we went to Kargil and Kashmir, China would also go to the border, see what the situation is"

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