मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक अस्पताल ने अखबार में विज्ञापन छपवाकर मुस्लिम मरीजों से कहा था कि वे अपना और अपने एक तीमारदार का कोरोना नेगेटिव होने का सर्टिफिकेट लाएंगे तभी अस्पताल उनका इलाज करेगा। इसपर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'अगर अस्पताल अपनी नीति के विज्ञापन को लेकर पर्याप्त रूप से आश्वस्त है तो "जांच" किस बात की? उसे जनता को नुकसान पहुंचाने की अनुमति कैसे दी जा रही है? प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि "Covid-19 धर्म नहीं देखता है" बावजूद इसके उनके वैचारिक प्रशंसकों ने मुस्लिम नागरिकों को टारगेट कर रहे हैं और उनकी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं।'
वहीं, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मेरठ के वैलेंटिस कैंसर अस्पताल ने माफी मांगी है। इस विज्ञापन में कहा गया था कि नए मुस्लिम मरीज और उनके केयरटेकर पहले कोविड-19 टेस्ट कराएं। अगर उनके रिजल्ट निगेटिव हों तभी उनकी भर्ती होगी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद अस्पताल ने अपनी सफाई देते हुए माफी मांगी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार वैलेंटिस कैंसर अस्पताल के डॉक्टर अमित जैन ने बताया कि विज्ञापन दरअसल लोगों से सरकार की गाइडलाइन को मानने की अपील के लिए दिया गया था। डॉक्टर अमित के अनुसार, 'यह विज्ञापन सभी लोगों से अपील के लिए था कि वे सरकार की गाइडलाइन को माने ताकि सब सुरक्षित रहें। इसका धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। अगर किसी की भावना इससे आहत हुई है तो हम माफी मांगते हैं। अस्पताल की कभी किसी की भावना को आहत करने की मंशा नहीं थी।'
वहीं, इस मामले में पुलिस ने एक मामला भी दर्ज कर लिया है। मेरठ एसएसपी अजय कुमार साहनी ने कहा, 'हमने एक केस दर्ज कर लिया है। मौजूद सबूतों के आधार पर हम एक्शन ले रहे हैं।'