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लॉ कमीशन की स्वतंत्रता को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने किया सवाल, जानिए क्या कहा

By मनाली रस्तोगी | Updated: November 10, 2022 16:49 IST

EWS कोटा पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि SC/ST स्कॉलरशिप की ऊपरी सीमा 2.5 लाख है और आप लोगों की 8 लाख है तो रेवडी किस की आरक्षित हो रही है? मेरा मानना यह है कि यह पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण हटाने का पहला कदम है। यह EWS नहीं है बल्कि उच्च जाति के लिए कोटा है।

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ठळक मुद्देअसदुद्दीन ओवैसी ने लॉ कमीशन की स्वतंत्रता को लेकर सवाल किया।उन्होंने कहा कि मैं लॉ कमीशन की स्वतंत्रता के बारे में एक सवाल उठा रहा हूं, जिसे एक स्वतंत्र संगठन माना जाता है।ओवैसी ने कहा कि 2018 में जब जस्टिस बीएस चौहान इसके अध्यक्ष थे, तो उन्होंने कहा कि यूसीसी की कोई आवश्यकता नहीं है।

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को लॉ कमीशन की स्वतंत्रता को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा, "मैं लॉ कमीशन की स्वतंत्रता के बारे में एक सवाल उठा रहा हूं, जिसे एक स्वतंत्र संगठन माना जाता है। उनका मुख्य कार्य स्वतंत्र विशेषज्ञ को कानूनी सलाह देना है। 2018 में जब जस्टिस बीएस चौहान इसके अध्यक्ष थे, तो उन्होंने कहा कि यूसीसी की कोई आवश्यकता नहीं है।"

यही नहीं, ओवैसी ने लॉ कमीशन के अध्यक्ष पर कुरान की गलत व्याख्या करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी स्थिति साफ करे। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी पूछा की यूसीसी में मुस्लिमों के लिए क्या है। बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब ओवैसी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भाजपा पर इस तरह से हमला बोला हो।

इससे पहले ओवैसी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, "मोदी सरकार ने भारतीय विधि आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। उनके फैसले ने कुरान की आयतों के अनुवाद को गलत तरीके से पेश किया, स्कूलों की तुलना सेना के शिविरों / जेलों से की और हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा। लॉ कमीशन ऑफ इंडिया के एक अन्य सदस्य ने लव जिहाद का सिद्धांत प्रतिपादित किया।"

उन्होंने आगे लिखा, "ये "मेधावी" न्यायविद समान नागरिक संहिता की व्यवहार्यता पर विचार करने जा रहे हैं। हम उनकी निष्पक्षता और क्षमता का अनुमान लगा सकते हैं।" वहीं, EWS कोटा पर ओवैसी ने कहा, "SC/ST स्कॉलरशिप की ऊपरी सीमा 2.5 लाख है और आप लोगों की 8 लाख है तो रेवडी किस की आरक्षित हो रही है? मेरा मानना यह है कि यह पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण हटाने का पहला कदम है। यह EWS नहीं है बल्कि उच्च जाति के लिए कोटा है।

टॅग्स :असदुद्दीन ओवैसीएआईएमआईएम
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