शिवसेना के बुर्का बैन की मांग पर ओवैसी ने दिया जवाब, घूंघट हटाने के बारे में क्यों नहीं सोचते?
By स्वाति सिंह | Published: May 1, 2019 02:57 PM2019-05-01T14:57:56+5:302019-05-01T14:57:56+5:30
श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों के बाद वहां की सरकार ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद शिवसेना ने वहां का हवाला देते हुए अपने देश में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
श्रीलंका हमले का जिक्र करते हुए शिवसेना ने भारत में बुर्का बैन किए जाने की मांग उठाई है। शिवसेना के इस बयान के बाद कई राजनेताओं ने इसका समर्थन भी किया। इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना पर हमला किया है।ओवैसी ने कहा कि यह हमारे संविधान में फंडामेंटल राइट है। बाकी आप यह हिंदुत्व सब पर नहीं लागू कर सकते हैं। कल को बोलेंगे कि आपके चेहरे पर दाढ़ी ठीक नहीं है, टोपी मत पहनिए।
ओवैसी ने कहा 'पहले उन्हें (शिवसेना) सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि ये हमारा मौलिक अधिकार है। सामना में जो लिखा गया है वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
इसके साथ ही ओवैसी ने घूंघट का जिक्र करते हुए कहा 'वह घूंघट हटाने के बारे में क्यों नहीं सोचते और अगर यह मामला सुरक्षा को लेकर मामला है तो साध्वी प्रज्ञा और अन्य लोगों ने हमला करने के लिए क्या पहना था।
Asaduddin Owaisi, AIMIM on Shiv Sena's proposal to ban burqa: Shiv Sena is ignorant, SC judgement on privacy clearly lays down that choice is now a fundamental right. It's a violation of the MCC, I request EC to take immediate note of it, it's an attempt to create polarization. pic.twitter.com/i8DNFaZ2zK
— ANI (@ANI) May 1, 2019
श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों के बाद वहां की सरकार ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद शिवसेना ने वहां का हवाला देते हुए अपने देश में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। शिवसेना ने अपने मुखपत्रों 'सामना' में संपादकीय में कहा, 'इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो। नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं।'