जम्मू-कश्मीर में सब कुछ नॉर्मल है ना?, असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर गृह मंत्री अमित शाह पर कसा तंज
By धीरज पाल | Published: February 18, 2020 10:29 AM2020-02-18T10:29:32+5:302020-02-18T10:29:58+5:30
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को पांच अगस्त को निरस्त किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के फैसले की घोषणा के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी
जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी गतिविधियों कानून (UAPA) को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सबकुछ नॉर्मल है ना? ऐसे में शाह अब यहां कठोरता और अपमान का नया रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर UAPA लगाया है। जिसके तहक कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
यूएपीए कानून आतंकवाद से निपटने के लिए बनाया गया है। जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के बाद पुलिस ने इस एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
Kashmir mein sab kuch normal hai, haina?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 18, 2020
Everyday there is new proof of how little @AmitShah understood Kashmir (or apparently, how VPN technology works). So, now they try to set new world records of cruelty, incompetence & humiliation https://t.co/G0E8aBkbYG
बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रशासित क्षेत्र के जिन इलाकों में टूजी और फिक्सड लाइन इंटरनेट सुविधाएं बहाल की हैं वहां इसकी मियाद 24 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को साफ निर्देश दिया गया है कि वे यूजर्स तक केवल निर्धारित 1,485 वेबसाइटों की पहुंच सुनिश्चित करें, न कि व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने वाले सोशल मीडिया ऐप और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) तक। आधिकारिक प्रवक्ता ने गृह विभाग की ओर जारी आदेश को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ यह निर्देश 16 फरवरी से प्रभावी होगा और इससे पहले बदलाव नहीं होने पर 24 फरवरी तक लागू रहेगा।’’
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को पांच अगस्त को निरस्त किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के फैसले की घोषणा के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी लेकिन 25 जनवरी को टूजी मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली की गई थी। गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने अपने आदेश में कहा, ‘‘खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सूचना मिली है कि अन्य माध्यमों से वीपीएन के जरिए सोशल मीडिया तक पहुंच बनाकर आतंकी गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने और भड़काऊ सामग्री अपलोड करने की कोशिश की जा रही है ताकि कानून व्यवस्था को खराब किया जा सके।’’
आदेश में कहा गया, ‘‘यह भी सूचना है कि पिछले हफ्ते अफवाह के जरिए आम लोगों को भड़काकर शांति भंग करने की कोशिश की गई थी, ऐसे में अधिकृत अधिकारियों द्वारा अस्थायी रूप से मोबाइल डाटा सेवा पर रोक जरूरी है।’’ काबरा ने कहा, ‘‘ पोस्टपेड मोबाइल और उन प्रीपेड सिम जिनमें सत्यापन पोस्टपेड कनेक्शन की शर्तों के अनुरूप किया गया है, पर डाटा सेवा उपलब्ध होगी और इंटरनेट सेवा की गति टूजी तक सीमित रहेगी।’’
फिक्स्ड इंटरनेट कनेक्टिविटी के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ जहां भी यह सुविधा 14 जनवरी से उपलब्ध है, आईएसपी सुनिश्चित करें कि यह सुविधा सूचीबद्ध वेबसाइटों तक सीमित रहे, न कि सोशल मीडिया से जो सहकर्मियों से संवाद में कारगर है और वीपीएन सेवा के लिए।’’ आदेश में कहा गया है, ‘‘संपर्क शर्तों का अनुपालन करने पर ही इंटरनेट उपलब्ध होगा। यह निर्देश दिया जाता है कि इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराने वाले सुनिश्चित करें कि राज्य के हितों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री अपलोड कर इसका दुरुपयोग न हो।’’ काबरा ने कहा कि पर्यटकों, छात्रों और कारोबारियों के लिए सरकार विशेष ई-टर्मिनल और इंटरनेट कियोस्क की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर और जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट)