"मैं जब तक जीवित हूं, असम में बाल विवाह की अनुमति नहीं मिलेगी", मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 26, 2024 02:56 PM2024-02-26T14:56:31+5:302024-02-26T15:08:53+5:30
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वह जब तक जीवित हैं, असम में बाल विवाह की अनुमति नहीं देंगे।
कामरूप:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वह जब तक जीवित हैं, असम में बाल विवाह की अनुमति नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को चुनौती देते हुए कहा, "मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देना चाहता हूं, 2026 से पहले मैं आपकी दुकान को बंद कर दूंगा।"
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम सरमा ने विधानसभा संबोधन में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, "मेरी बात ध्यान से सुनिए, जब तक मैं जीवित हूं, असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। जब तक हिमंत बिस्वा सरमा जीवित है, असम में ऐसा नहीं होगा। मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देना चाहता हूं कि 2026 से पहले मैं आपकी दुकान को बंद करा दूंगा।"
मुख्यमंत्री सरमा इस कारण से विधानसभा में विपक्ष पर हमलावर थे क्योंकि बीते शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल ने असम में मुसलमानों के लिए ब्रिटिश काल से चले आ रहे विवाह और तलाक अधिनियम को निरस्त करने के लिए असम निरसन अध्यादेश, 2024 को मंजूरी दे दी है।
असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त करने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते रविवार को कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य की मुस्लिम महिलाओं को "अत्याचार और शोषण" से राहत मिलेगी। यह अधिनियम बच्चों की शादी को खत्म करने में भी मदद करेगा।
नगांव में मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में बाल विवाह के खिलाफ एक और अभियान चलाएगी।
उन्होंने कहा, "इस बिल से मुस्लिम माताओं पर लंबे समय से जो अत्याचार और शोषण चल रहा था, वह खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने तीन तलाक खत्म कर दिया लेकिन असम में सिर्फ इस कानून की वजह से अगर कोई काजी ऐसा करता तो इसमें कोई गलती नहीं होती। 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी का रजिस्ट्रेशन कराया और उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई। अब इस कानून के हटने के बाद तलाक देना आसान नहीं होगा और 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।"
बाल विवाह के बारे में बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से कुछ को 10-15 साल की कैद भी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, "लोकसभा चुनाव के बाद असम में बाल विवाह के खिलाफ एक और अभियान चलाया जाएगा। मैं 2026 से पहले इस मुद्दे को पूरी तरह खत्म कर दूंगा।"
वहीं दूसरी ओर सीएम सरमा के इस कथन और सरकार के इस कदम की एआईएमआईएम सहित अन्य दलों ने बेहद तीखी आलोचना की है।
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "अब बीजेपी के लोग आए हैं, कह रहे हैं कि हम इस्लाम में सुधार लाएंगे। नहीं, आप सुधार नहीं लाना चाहते हैं, आप तो हिंदुत्व लागू करना चाहते हैं। भारत की संस्कृति क्या है? भारत एक ऐसा देश है, जहां लोग कई धर्मों को मानते हैं और कुछ लोग नास्तिक भी हैं। यहां सिर्फ एक नहीं बल्कि हजारों भाषाएं बोली जाती हैं।"