'सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए लेकिन भाजपा झांसा दे रही है', गुजरात में बोले अरविंद केजरीवाल
By विनीत कुमार | Published: October 30, 2022 01:04 PM2022-10-30T13:04:30+5:302022-10-30T13:45:49+5:30
अरविंद केजरीवाल गुजरात में रविवार को कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि ये ऐसा होना चाहिए कि सभी समुदायों की रजामंदी हो। सभी को साथ लेते हुए इसे लागू करना चाहिए।
अहमदाबाद: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड बनना चाहिए। साथ ही उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि पूरे मामले पर भाजपा लोगों को झांसा दे रही है। केजरीवाल का ये बयान उस समय आया है जब कल ही गुजरात कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव पास किया था।
गुजरात दौरे पर पहुंचे केजरीवाल ने भावनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संविधान के आर्टिकल-44 में साफ-साफ लिखा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए तो सरकार को ये करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा, 'सरकार को ऐसा यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो, सभी को साथ लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड बनना चाहिए।'
केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, भाजपा ने उत्तराखंड में क्या किया, 'चुनाव से पहले समिति बनाई, अब चुनाव के बाद वो समिति अपने घर चली गई। गुजरात में भी भाजपा ने यही किया। वे मध्य प्रदेश में समिति क्यों नहीं बनाते। उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं बनाते। अगर इनकी नियत यूनिफॉर्म सिविल कोड की है तो देश में क्यों नहीं बनाते?'
સંવિધાનના આર્ટિકલ ૪૪માં સ્પષ્ટ લખ્યુ છે કે યુનિફોર્મ સિવિલ કોડ લાગુ કરવો એ સરકારની જવાબદારી છે. ભાજપ ચૂંટણી પહેલા UCC લાગું કરવાની સમિતિ તો બનાવી દે છે. પરંતુ ચૂંટણી પૂરી થતા UCC અંગે કોઈ કામ નથી કરતી.
— AAP Gujarat | Mission2022 (@AAPGujarat) October 30, 2022
શુ ભાજપ લોકસભાની ચૂંટણીની રાહ જોઈ રહી છે? UCC લાગું કરવાની ભાજપની નિયત જ નથી! pic.twitter.com/lJVXhVtpJk
गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है।