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जम्मू के दामाद थे अरुण जेटली, कांग्रेस के दिग्गज नेता की बेटी से 1982 में की थी शादी

By सुरेश डुग्गर | Updated: August 24, 2019 18:11 IST

Arun Jaitley Death News: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर जम्मू में शोक की लहर है। जेटली का जम्मू से खास रिश्ता था। यहां के दिवंगत कांग्रेसी नेता गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से जेटली की शादी हुई थी।

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ठळक मुद्देअरुण जेटली का जम्मू से खास रिश्ता था। 1982 में जेटली ने यहां के दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे गिरधारी लाल डोगरा की बेटी संगीता से शादी की थी।जम्मू के दामाद होने का फर्ज जेटली निभाते रहे, समय-समय पर वह राज्य के संरक्षक की भूमिका में दिखते रहे।

Arun Jaitley Death News: दिवंगत नेता अरुण जेटली जम्मू के दामाद थे। उन्होंने जम्मू के कद्दावर नेता स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से शादी की थी। जम्मू कश्मीर से उनका गहरा नाता रहा और कई बार नई दिल्ली में राज्य के हितों के संरक्षक बनकर भी उभरे। खासकर जम्मू के हितों की लड़ाई को उन्होंने बखूबी आगे बढ़ाया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता होने के नाते युवा अवस्था से जेटली अनुच्छेद 370 के विरोध में जम्मू कश्मीर आते रहे।

जम्मू कश्मीर के प्रति विशेष लगाव रखने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन से जम्मू में शोक की लहर दौड़ गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। जेटली ने कठुआ जिला के हीरानगर में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से शादी की। इस कारण जम्मू कश्मीर में अरुण जेटली काफी लोकप्रिय थे और उनके यहां पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ निजी संबंध भी थे। यही कारण था कि स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में जेटली अपने साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ले आए थे।

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे व पूर्व सांसद स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा की बेटी संगीता से 1982 में विवाह के बाद जम्मू से जेटली का एक विशेष नाता बन गया। वह हर साल उनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम में शामिल होते थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जेटली जम्मू के निवासियों को समाज व देश के हित के लिए कार्य करते रहने का संदेश देते आए।

उनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलनों में शामिल रहे विधानसभा के स्पीकर व पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है कि अरुण जेटली वर्ष 1978 से राज्य में सक्रिय रहे। हम उन्हें भाजपा का चाणक्य कहते थे। ऐसे में जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति तय करने में उनकी एक विशेष भूमिका रही है। उनके योगदान के कारण ही प्रदेश में भाजपा लगातार मजबूत होती गई। जम्मू कश्मीर को देश के साथ मजबूती से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।

निर्मल सिंह ने बताया कि अरुण जेटली जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने की भी लगातार पैरवी करते रहे। ऐसे में वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रवादी लोगों को मजबूत बनाने के लिए हुए सभी कार्यक्रमों में शामिल होते थे। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उन्होंने राज्य के हितों को पूरा ध्यान दिया। उनके मंत्रालयों ने जम्मू कश्मीर में विकास को तेजी देने की दिशा में विशेष ध्यान दिया। जम्मू में उनके काफी रिश्तेदार भी हैं।

प्रदेश के हितों को लेकर भाजपा के आंदोलनों में अरुण जेटली ने मुख्य भूमिका निभाई। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता के कार्यकाल के दौरान भी संसदीय दलों के सदस्य के रूप में जम्मू के हितों की पैरवी करते रहे। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में वित्त, कानून व रक्षामंत्री के रूप में भी उन्होंने जम्मू कश्मीर में विकास, सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने में सहयोग दिया।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से खासी प्रभावित उनकी पत्नी संगीता जेटली ने जन कल्याण करने की प्रेरणा दी। ऐसे में निरंतर यहां आती रही जम्मू की बेटी ने समाज के प्रतिनिधियों को भी लोगों के लिए काम करने की सलाह दी। उनकी देखरेख में ही स्वर्गीय गिरधारी लाल डोगरा की याद में कार्यक्रमों का आयोजन पारिवारिक ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जाता है।

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