महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को भाजपा का प्रमुख मुद्दा बनाएगी. इसके अलावा पार्टी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी उसके प्रचार का हिस्सा होंगे. भाजपा पहले ही दोनों प्रदेशों में धुंआधार प्रचार की शुरुआत कर चुकी है जिसमें दशहरे के बाद और तेजी आएगी. इसके लिए पार्टी ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है.
पार्टी के एक केंद्रीय नेता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों को भी अहमियत दी जाएगी. पार्टी अपने स्टार प्रचारकों की सूची पहले ही जारी कर चुकी है. दोनों राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का नाम सबसे ऊपर रखा गया है.
उन्होंने बताया कि अभी तक की तैयारियों के अनुसार मोदी महाराष्ट्र में 10 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. राज्य में शाह की भी 20 रैलियों की तैयारी की चल रही है. दोनों नेताओं की व्यस्तता को देखते हुए रैलियों की संख्या में बदलाव हो सकता है. महाराष्ट्र की सूची में 40 स्टार प्रचारकों के नाम रखे गए हैं. हरियाणा में इन रैलियों की संख्या आधी हो सकती है.
भाजपा ने महाराष्ट्र की 288 सीटों में से सहयोगियों के साथ मिलकर 200 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. वहीं हरियाणा के रण में पार्टी अपने दम पर 90 में से 75 सीटें जीतना चाहती है.
भाजपा के लिए दोनों राज्य महत्वपूर्णयह पहला मौका है जब भाजपा इन दोनों राज्यों में पांच वर्ष सत्ता संभालते हुए विधानसभा चुनाव लड़ रही है. इस लिहाज से इन दोनों प्रदेशों के चुनाव उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. महाराष्ट्र में पार्टी को देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता पर भरोसा है वहीं हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर में उसे अगली सरकार का नेतृत्व नजर आ रहा है.
भितरघात रोकने की तैयारीदोनों राज्यों में कुछ मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट भी काटे गए हैं. इसके बाद कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है जो भितरघात और बगावत में बदल सकती है. इसे रोकने के लिए हर विधानसभा में चार-पांच नेताओं की टीम बनाई गई है जो किसी भी तरह के विरोध को समय से पहचान कर उसे दूर करने का काम करेगी.