LoC के इलाकों में एक महीने से मची है त्राहि-त्राहि, पाकिस्तान ने सिर्फ अगस्त में 300 बार से अधिक किया सीजफायर उल्लंघन

By सुरेश डुग्गर | Published: September 3, 2019 05:19 PM2019-09-03T17:19:15+5:302019-09-03T17:19:15+5:30

एलओसी पर अगस्त में 300 से अधिक बार सीजफायर उल्लंघन किया जा चुका है। इस सीजफायर उल्लंघन के कारण 5 की जान जा चुकी हैं, बीसियों जख्मी हैं और 100 से अधिक घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

Article 370: Pakistan violates ceasefire more than 300 times in August 2019 | LoC के इलाकों में एक महीने से मची है त्राहि-त्राहि, पाकिस्तान ने सिर्फ अगस्त में 300 बार से अधिक किया सीजफायर उल्लंघन

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Highlightsकश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सबसे त्रस्त हालत में जम्मू कश्मीर के वे लाखों लोग हैं जो एलओसी से सटे इलाकों में रहते हैं क्योंकि पाक सेना ने पिछले एक महीने से इन इलाकों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है।अखनूर सेक्टर से लेकर उड़ी-गुरेज तक का शायद कोई इलाका बचा होगा जहां इस अवधि में पाक तोपखानों ने सीजफायर के बावजूद गोले न बरसाए हों।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सबसे त्रस्त हालत में जम्मू कश्मीर के वे लाखों लोग हैं जो एलओसी से सटे इलाकों में रहते हैं क्योंकि पाक सेना ने पिछले एक महीने से इन इलाकों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है। अखनूर सेक्टर से लेकर उड़ी-गुरेज तक का शायद कोई इलाका बचा होगा जहां इस अवधि में पाक तोपखानों ने सीजफायर के बावजूद गोले न बरसाए हों। आधिकारिक रिकॉर्ड आप खुद कहता है कि 300 बार से अधिक सीजफायर उल्लंघन सिर्फ अगस्त माह में हुआ है।

इस सीजफायर उल्लंघन के कारण 5 की जान जा चुकी हैं, बीसियों जख्मी हैं और 100 से अधिक घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जबकि सरकारी तौर पर 6 जवान भी इस दौरान शहीद हो चुके हैं।

करीब 16 साल पहले दोनों मुल्कों में जम्मू कश्मीर की सीमाओं तथा एलओसी पर गोलाबारी न करने के लिए लागू हुए सीजफायर का हाल आप आंकड़ों से आप ही लगा सकते हैं कि औसतन दिन में 5 से 6 बार दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त गोलाबारी होती है और बावजूद इसके कहा जाता है कि सीजफायर जारी है।

इन सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं से त्रस्त एलओसी पर रहने वाले लाखों निवासियों का दर्द पिछले एक माह से इसलिए दोहरा हो चुका है क्योंकि जम्मू कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के चलते वे संकट के समय मदद भी नहीं मांग पा रहे थे और न ही उनका दुख-दर्द बांटाने कोई आगे आ रहा था।

ऐसा भी नहीं है कि त्राहि-त्राहि का माहौल सिर्फ एलओसी के इस ओर के इलाकों में ही हो पाक गोलाबारी के कारण बल्कि भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के कारण पाक सैनिक ठिकानों को तो क्षति पहुंची ही है। नागरिक ठिकाने भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। यह बात अलग है कि भारतीय सेना इसके प्रति सफाई देती रही है कि उसने कभी भी नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है पर गोलों और गोलियों को नागरिकों पर बरसने से कोई नहीं रोक पाया है।

नतीजतन एलओसी के दोनों ओर मची हुई त्राहि त्राहि को भुगत रही दोनों मुल्कों की जनता के पास दर्द सहने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में राहें मिलने से आने वाले पाक नागरिक भी अब यह सवाल अक्सर उठाते थे कि जब दोनों ही सेनाओं ने तोपखानों के मुहं खोले हुए हैं तो सीजफायर के मायने कहां रह जाते हैं। यह सच किसी से छुपा नहीं है कि पहल किसके द्वारा की जाती रही है।

Web Title: Article 370: Pakistan violates ceasefire more than 300 times in August 2019

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