अनुच्छेद 370ः कश्मीर में 72 दिनों के बाद पहली बार बजे मोबाइल फोन, लोगों ने कहा- ईद जैसी खुशी
By भाषा | Published: October 14, 2019 06:39 PM2019-10-14T18:39:28+5:302019-10-14T18:39:28+5:30
पुराने शहर के निवासी बशारत अहमद ने मोबाइल सेवा बहाल होने पर तुरंत ही कश्मीर में और बाहर रह रहे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन कॉल किया। महज एक घंटे के अंदर ही अहमद ने 30 कॉल कर लिए। उसने लंबे अंतराल के बाद उनकी आवाजें सुनीं।
कश्मीर में 72 दिनों के बाद ‘पोस्ट-पेड मोबाइल फोन’ सेवा बहाल होने से लोगों में खुशी की लहर है। लोग अब फिर अपनों से बातचीत कर सकेंगे, यह सोच कर वे ईद जैसी खुशी महसूस कर रहे हैं।
पांच अगस्त के बाद पहली बार घाटी में मोबाइल फोन बजने लगे हैं। पांच अगस्त को ही केंद्र ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था। पुराने शहर के निवासी बशारत अहमद ने मोबाइल सेवा बहाल होने पर तुरंत ही कश्मीर में और बाहर रह रहे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन कॉल किया। महज एक घंटे के अंदर ही अहमद ने 30 कॉल कर लिए। उसने लंबे अंतराल के बाद उनकी आवाजें सुनीं।
अहमद ने कहा, ‘‘मैंने 70 दिन तक दिल्ली में और कश्मीर के बाहर रह रहे अपने रिश्तेदारों से बात नहीं की। मैं उन सभी से बातचीत करना चाहता हूं और उन्हें बताना चाहता हूं कि हम अब भी जीवित हैं।’’ निगहत शाह के लिए यह मौका ईद से कम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिन हमारे लिए ईद से कम नहीं है। वैश्विक दुनिया के दौर में हम दो महीने से अधिक समय तक दुनिया के बाकी हिस्सों से कटे रहे।’’
उनके भाई मसरूर ने देहरादून में अपनी पत्नी सुमैरा को मोबाइल फोन से ईद मुबारक कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कई दिनों के बाद यह वास्तव में उत्सव है। कई रिश्तेदार थे जिन्हें हम ईद की मुबारकवाद नहीं दे सके।’’ अधिकारियों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी एक दूसरों को ईद की मुबारकबाद दी। घाटी में संचार सेवा रोके जाने के ठीक एक सप्ताह बाद 12 अगस्त को ईद थी।
पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल करने के सरकार के फैसले से घाटी में 40 लाख ग्राहक अपने परिवारों, दोस्तों और सहयोगियों से बात कर सकेंगे। सिर्फ पोस्ट-पेड कनेक्शन पर ही सेवा बहाल की गयी है। लोग अभी इससे फोन कॉल और एसएमएस ही कर सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि 25 लाख से अधिक प्रीपेड मोबाइल फोन और व्हाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट सेवाएं अभी बंद रहेंगी। लोगों के लिए ये 72 दिन मुश्किल भरे थे।
यासिर अहद ने कहा कि वह अपनी मंगेतर से बात कर रहा था तभी कॉल कट गयी। अहद ने कहा कि वह अपनी मंगेतर से संपर्क नहीं कर सका जो सिर्फ पांच किलोमीटर दूर रहती है। उनकी इसी साल जुलाई में सगाई हुयी है और अगले साल उनकी शादी होनी है।
अहद ने कहा कि सेवा ठप होने तक वह हर दिन अपनी मंगेतर से बातचीत करता था। ट्रैवल एजेंट दानिश वानी ने कहा कि अब वह अपना काम फिर से शुरू कर सकेंगे। वानी ने कहा कि किसी भी प्रकार के संचार के अभाव से उनकी आजीविका प्रभावित हुयी और नुकसान की भरपाई का समय आ गया है। होटल कारोबारी और यात्रा व्यापार से जुड़े अन्य लोग भी आगे को लेकर में आशावादी हैं।
मोबाइल फोन सेवाएं के बहाल होने से सर्दियों में पर्यटन उद्योग को मदद मिलेगी। कई ऐसे लोग भी थे जिन्होंने संदेह व्यक्त किया और कहा कि पोस्ट-पेड सेवा बहाल करने का सरकार का कदम सिर्फ दिखावा है। छात्र साहिल लोन ने कहा, ‘‘प्रीपेड कनेक्शन का उपयोग करने वाले 30 लाख ग्राहकों का क्या होगा? और मोबाइल फोन सेवा बहाल होने से कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में कैसे मदद मिलेगी...’’
घाटी में पाबंदियां हटाने के लिए हाल के हफ्तों में कई कदम उठाए गए हैं। पोस्ट-पेड मोबाइल सेवा बहाल किया जाना उनमें से एक है। पिछले हफ्ते राज्य को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। शैक्षिक संस्थान भी खुले हुए हैं। वहां उपस्थिति कम है।