अनुच्छेद 370ः जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग, भारत ने चीन को दी नसीहत, UNGA में कड़ी आपत्ति जतायी
By भाषा | Updated: September 28, 2019 14:03 IST2019-09-28T14:03:38+5:302019-09-28T14:03:38+5:30
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए चीन ने महासभा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार ‘‘विवाद’’ को शांतिपूर्ण तथा उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे एकतरफा तरीके से ‘‘यथा स्थिति’’ बदल जाए।

चीन भारत के इस रुख से पूरी तरह परिचित है
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख का जिक्र किए जाने पर शनिवार को कड़ी आपत्ति जतायी।
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए चीन ने महासभा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार ‘‘विवाद’’ को शांतिपूर्ण तथा उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे एकतरफा तरीके से ‘‘यथा स्थिति’’ बदल जाए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और क्षेत्र में हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से देश का ‘‘अंदरूनी मामला’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन भारत के इस रुख से पूरी तरह परिचित है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है तथा हाल के घटनाक्रम पूरी तरह से हमारा अंदरूनी मामला है।’’
कुमार ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गैरकानूनी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जरिए यथास्थिति को परिवर्तित करने के प्रयासों से बचेंगे।’’
दरअसल स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था, ‘‘पहले से विवादित रहे कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्ण और उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए।’’
वांग ने कहा, ‘‘एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने वाला कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी होने के नाते चीन उम्मीद करता है कि यह विवाद प्रभावी तरीके से हल किया जाए और दोनों पक्षों के बीच संबंधों में स्थिरता कायम हो।’’