अनुच्छेद 370ः संसद में कांग्रेस कर रही विरोध, सोशल मीडिया पर द्विवेदी, हुड्डा और देवड़ा दे रहे बधाई

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 6, 2019 13:17 IST2019-08-06T13:17:35+5:302019-08-06T13:17:35+5:30

संसद में तो कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया, लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया। इस सूची में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र और रोहतक से पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर सीनियर कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी शामिल हैं।

Article 370: Congress divided over abrogation of special status to Jammu and Kashmir | अनुच्छेद 370ः संसद में कांग्रेस कर रही विरोध, सोशल मीडिया पर द्विवेदी, हुड्डा और देवड़ा दे रहे बधाई

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Highlightsमिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है।हुड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। पार्टी के राज्यसभा सदस्य एवं मुख्य सचेतक भुवनेश्वर कालिता ने सोमवार को सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा और लोकसभा में एक संकल्प पेश किया, जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।’’

अनुच्छेद 370 को लेकर देश के विपक्षी दलों में एक राय नहीं है। कांग्रेस, डीएमके, टीएमके सहित कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही यह विधेयक पेश किया तो समर्थन और विरोध में लोग खुलकर सामने आने लगे।

सरकार को इस कदम पर उम्मीद से बेहतर समर्थन मिला। इस मसले पर कांग्रेस सदन के अंदर ज्यादा मजबूत नजर नहीं आई। शाम होते-होते पार्टी इस मसले पर बंटी हुई नजर आई। संसद में तो कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया, लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया। इस सूची में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र और रोहतक से पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर सीनियर कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी शामिल हैं।

मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए।

देश और जम्मू-कश्मीर के हित में है अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय: दीपेंद्र हुड्डा

कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बांटने के सरकार के कदम का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि यह निर्णय देश की अखंडता और जम्मू-कश्मीर के हित में हैं।

यद्यपि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है। हुड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखण्डता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है।’’

उन्होंने कहा, ''अब सरकार की यह ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो।'' गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों एवं एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी। 

अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के रुख के विरोध में कालिता ने इस्तीफा दिया

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बांटने के सरकार के कदम पर कांग्रेस के रुख का विरोध करते हुए पार्टी के राज्यसभा सदस्य एवं मुख्य सचेतक भुवनेश्वर कालिता ने सोमवार को सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में घोषणा की कि उन्होंने कालिता का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कालिता का कहना है कि उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश के तौर पर बांटने के कदम पर कांग्रेस के रुख के विरोध में इस्तीफा दिया है। उन्होंने एक पत्र में कहा, ‘‘मुझे पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने को कहा गया था लेकिन यह सच है कि देश का मिजाज पूरी तरह बदल चुका है। यह व्हिप देश की जनभावना के खिलाफ है।’’

कालिता ने कहा कि जहां तक अनुच्छेद 370 की बात है तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुद इसके विरोध में कहा था, ‘‘अनुच्छेद 370 एक दिन घिसते-घिसते पूरी तरह घिस जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज की कांग्रेस की विचारधारा से लगता है कि वह आत्महत्या कर रही है। मैं इसमें कांग्रेस का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं इस व्हिप का पालन नहीं करूंगा और इस्तीफा देता हूं।’’ कालिता ने यह दावा भी किया कि अब कांग्रेस को तबाह होने से कोई नहीं बचा सकता। 

सरकार ने एक ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ सुधारी हैः द्विवेदी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांटने के केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया और अपनी पार्टी के रुख के विपरीत राय रखते हुए कहा कि सरकार ने एक ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ सुधारी है।

द्विवेदी ने कहा कि यह राष्ट्रीय संतोष की बात है कि स्वतंत्रता के समय की गई गलती को सुधारा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत पुराना मुद्दा है। स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद 370 रहे। मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे।

मेरे व्यक्तिगत विचार से तो यह एक राष्ट्रीय संतोष की बात है।’’ गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों एवं एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी। 

Web Title: Article 370: Congress divided over abrogation of special status to Jammu and Kashmir

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