जवानों को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने की कोशिशों के बीच भारतीय सेना ने इस वर्ष जीवनशैली से संबंधित बीमारियों से पीड़ित अपने किसी भी जवान को विकलांगता पेंशन नहीं दी है। मिली जानकारी के अनुसार, इस फैसले ने कुछ लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों को भी प्रभावित किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के सूत्रों ने कहना का कहना है कि इस साल जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से किसी को भी विकलांगता पेंशन नहीं दी गई है।
कहा जा रहा है कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और सेना मुख्यालय में उनकी टीम सेना के जवानों को अपने करियर के अंत तक शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है।
सूत्रों ने कहा कि हाल ही में पूर्वोत्तर की यात्रा के दौरान जनरल रावत ने भी कहा था कि सेना यह सुनिश्चित करेगी कि विकलांगता पेंशन सुविधा का कोई दुरुपयोग न हो। सेना उन जवानों की शिकायतों को दूर करने की दिशा में भी काम कर रहा है जो कह रहे हैं कि अधिकारियों और जवानों को दी जाने वाली विकलांगता पेंशन में अंतर बहुत अधिक है। इस मामले में उनके बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।