नई दिल्ली, 13 मार्च: आर्मी चीफ बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि अगर आपकी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो उसके साथ-साथ मिलिट्री पावर पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा 'ऐसी धारणा है कि मिलिट्री खर्च को बोझ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सरकार मिलिट्री क्षेत्र में जो भी खर्च करती है उसके बदले कुछ फायदा नहीं मिलता, लेकिन मैं इस धारणा को सही नहीं मानता। अगर इकोनॉमी बढ़ती है तो देश की सुरक्षा पर भी ज्यादा ध्यान देना होगा।'
आर्मी चीफ रावत ने कहा 'मैं यह कह सकता हूं कि अगर चीन यहां पहुंचा है तो वह अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मिलिट्री पावर भी बढ़ाना नहीं भूलता। यही कारण है कि वह आज इतनी मजबूत स्थिति में खड़ा है कि वह अमेरिका को भी चुनौती दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की निगाहें इंडो-पैसेफिक रीजन की ओर हैं। चीन के बढ़ने के बाद देशों ने भारत की ओर देखना शुरू कर दिया है कि क्या हम वह देश बन सकते हैं कि चीन के उभार को संतुलित कर सकें। यह सह चीन की गतिशीलता की वजह से है।
आर्मी चीफ ने बताया कि हमारे बजट का लगभग 35% राष्ट्र निर्माण में चला जाता है। रावत ने कहा कि जब हम अपनी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे का विकास करते हैं, तो हम उन लोगों से जुड़ रहे हैं जो मुख्य भूमि के साथ दूर के क्षेत्रों में रहते हैं। यह राष्ट्र को एकजुट करने में मदद करता है।