शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील : कुरान की कुछ आयतों को हटाने की याचिका पर सुनवाई न करे न्यायालय

By भाषा | Updated: March 18, 2021 19:38 IST2021-03-18T19:38:34+5:302021-03-18T19:38:34+5:30

Appeal of Shia Personal Law Board: Court should not hear plea for removal of certain verses of Quran | शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील : कुरान की कुछ आयतों को हटाने की याचिका पर सुनवाई न करे न्यायालय

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील : कुरान की कुछ आयतों को हटाने की याचिका पर सुनवाई न करे न्यायालय

लखनऊ, 18 मार्च शिया मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कुरान शरीफ की 26 आयतें हटाने की उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की याचिका को खारिज करने की अपील की है।

बोर्ड की कार्यकारिणी की बृहस्पतिवार को हुई आपात बैठक में तमाम मुसलमानों से आगामी 22 मार्च को रात नौ बजे अपने घरों, मस्जिदों अथवा इमामबाड़ा में कुरान शरीफ की तिलावत करते हुए अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डालने का अभियान चलाने की अपील भी की गई है।

बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने 'भाषा' को बताया कि बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में उच्चतम न्यायालय से गुजारिश की गई है कि वह वसीम रिजवी की कुरान के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को खारिज करे ताकि मुल्क में अमन शांति कायम रह सके।

उन्होंने बताया कि बोर्ड ने सरकार से मांग की है की वसीम रिजवी जैसे शख्स को जो किसी धर्म या उसकी पवित्र किताब की तौहीन करें उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए।

अब्बास ने बताया कि बैठक में पारित प्रस्ताव में देश के तमाम मुसलमानों से अपील की गई है कि वह 22 मार्च को रात नौ बजे अपने घरों, मस्जिदों या इमामबाड़ों में कुरान शरीफ की तिलावत करते हुए अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डालें और व्हाट्सएप, फेसबुक और टि्वटर की डीपी पर कुरान शरीफ की तस्वीर लगाएं।

उन्होंने बताया कि जलसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा अजान के खिलाफ टिप्पणी की भी घोर निंदा की गई।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पिछली 11 मार्च को उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कुरान शरीफ की 26 आयतों को हटाया जाए। उनकी दलील थी कि इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।

हालांकि, विभिन्न मुस्लिम संगठनों तथा भाजपा के भी कुछ नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने रिजवी को एक नोटिस जारी कर अपना बयान वापस लेने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा था।

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Web Title: Appeal of Shia Personal Law Board: Court should not hear plea for removal of certain verses of Quran

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