यूपी में अपना दल कमेरवादी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, पल्लवी पटेल ने तीन सीटों किया दावा
By राजेंद्र कुमार | Published: March 20, 2024 08:24 PM2024-03-20T20:24:58+5:302024-03-20T20:26:38+5:30
उत्तर प्रदेश में अपना दल कमेरावादी ी नेता पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी(सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर दबाव बनाने की सियासत करने में जुट गई हैं। पार्टी ने फूलपुर लोकसभा सीट, मिर्जापुर लोकसभा सीट और कौशांबी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपना दल कमेरावादी ी नेता पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी(सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर दबाव बनाने की सियासत करने में जुट गई हैं। इसके चलते उन्होंने यूपी की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने फूलपुर लोकसभा सीट, मिर्जापुर लोकसभा सीट और कौशांबी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने इसकी घोषणा की है। मगर पार्टी की तरफ से इन तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है। सपा नेताओं का कहना है कि एकतरफा किए गए इस ऐलान पर पार्टी के नेता ध्यान नहीं देंगे।
वही दूसरी तरफ कृष्णा पटेल का कहना है कि अपना दल कमेरावादी लंबे समय से इंडिया गठबंधन में हैं। हम हर बैठक में गए हैं। हम लोग उनके साथ हैं। इसके बाद भी समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पार्टी को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अभी तक सीटें देने को लेकर पहल नहीं की और इस मामले में सपा नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। कुछ ऐसी की बात पल्लवी पटेल ने राज्यसभा चुनाव के समय भी कही थी। तब अखिलेश यादव और पल्लवी के बीच में फोन पर तकरार भी हुई थी।
सपा और अपना दल कमेरवादी के बीच तक मतभेद देखने को मिले थे। इसके बाद अब फिर लोकसभा चुनावों को लेकर भी दोनों की बीच विवाद होता दिख रहा है। दरअसल अभी तक सपा ने साफ नहीं किया है कि इंडिया गठबंधन की तरफ से अपना दल कमेरावादी को कितनी सीटें दी गई हैं। इंडिया गठबंधन के किसी अन्य दल या कांग्रेस की तरफ से भी इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। फिलहाल अपना दल कमेरावादी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान खुद ही कर दिया है, वो भी इंडिया गठबंधन के साथ।
इस मामले में सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि जल्दी ही पार्टी मुखिया इस मामले में फैसला लेंगे, फिलहाल अभी इस मामले को लेकर अपना दल कमेरावादी के नेताओं से साथ कोई वार्ता नहीं हुई है। कहा जा रहा है सपा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए अपना दल कमेरावादी के नेताओं ने यह दांव चला है, ताकि सपा मुखिया पर दबाव बने और वह सहयोगी दल की बात माने।