सोशल मीडिया को "धारदार हथियार" की तरह इस्तेमाल कर रहीं भारत विरोधी ताकतें :भाजपा सांसद
By भाषा | Published: March 6, 2021 07:14 PM2021-03-06T19:14:59+5:302021-03-06T19:14:59+5:30
इंदौर (मध्य प्रदेश), छह मार्च सोशल मीडिया के नियमन पर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को लेकर जारी बहस के बीच भाजपा सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने शनिवार को दावा किया कि भारत विरोधी ताकतें देश को बदनाम और अस्थिर करने के लिए किसी धारदार हथियार की तरह इस माध्यम का दुरुपयोग कर रही हैं।
खजुराहो से लोकसभा सदस्य शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "कई प्रकार की भारतविरोधी ताकतें देश को बदनाम और अस्थिर करने के लिए सोशल मीडिया का धारदार हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। वे इस माध्यम के दुरुपयोग से खासकर नौजवानों को भ्रमित और गुमराह करने की कोशिश भी कर रही हैं।"
शर्मा, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, "हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि हमारे नौजवान ऐसी देशविरोधी ताकतों को सोशल मीडिया पर कैसे उचित जवाब दे सकते हैं?"
पेट्रोल-डीजल की कमरतोड़ महंगाई पर शर्मा ने कहा कि इनके दाम अंतरराष्ट्रीय कारकों से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा आम आदमी को इस महंगाई से राहत दिलाने के लिए उचित समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।
केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अगुवाई में सूबे में किसान महापंचायतों के आयोजन पर शर्मा ने कहा, "प्रदेश की राजनीति में दिग्विजय सिंह पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुके हैं और उनकी विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। अब वह अपने पुत्र (प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह) के सियासी वजूद के लिए लड़ रहे हैं।"
राज्य में संभावित नगर निकाय चुनावों की हलचल तेज होने के बीच शर्मा ने इंदौर में भाजपा की मतदान केंद्र इकाइयों के अध्यक्षों के सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "हम एक राजनीतिक दल के तौर पर नगर निकाय चुनावों के लिए एकदम तैयार हैं। हम इन चुनावों के लिए जनता और प्रबुद्ध लोगों की राय लेकर घोषणापत्र तैयार करेंगे।"
यह पूछे जाने पर कि नगर निकाय चुनावों में उम्मीदवारों के चयन के लिए क्या भाजपा ने उम्र सीमा और अन्य मापदंड तय किए हैं, शर्मा ने कहा कि पार्टी संगठन इस सिलसिले में कोई "नियम-कानून" नहीं बनाता है।
उन्होंने कहा, "हम हर चुनाव में उस समय की जरूरतों के मुताबिक फैसला करते हैं और जीत की संभावना वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाते हैं। हम राज्य के नगर निकाय चुनावों में भी ऐसा ही करेंगे।
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