एक और दौर की वार्ता विफल, करनाल सचिवालय के बाहर डटे किसान
By भाषा | Updated: September 8, 2021 21:28 IST2021-09-08T21:28:26+5:302021-09-08T21:28:26+5:30

एक और दौर की वार्ता विफल, करनाल सचिवालय के बाहर डटे किसान
करनाल, आठ सितंबर किसानों के एक समूह पर पिछले महीने पुलिस को लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी किसानों और जिले के अधिकारियों के बीच एक और दौर की वार्ता बुधवार को विफल रही। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे यहां जिला मुख्यालय पर 'अनिश्चितकालीन' धरना जारी रखेंगे।
धरने के दूसरे दिन बुधवार को किसान नेताओं ने कहा कि वे परिसर के द्वार पर डटे रहेंगे, हालांकि, अधिकारियों और आम जनता को प्रवेश करने से नहीं रोकेंगे।
करनाल में महापंचायत के बाद स्थानीय प्रशासन से बातचीत विफल रहने पर मंगलवार शाम को किसान लघु सचिवालय के प्रवेश द्वारों के बाहर बैठे रहे। कई किसानों ने वहीं रात बितायी।
प्रदर्शनकारी 28 अगस्त को यहां पुलिस के लाठीचार्ज करने पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान संघ के नेता, सिन्हा के निलंबन की मांग कर रहे हैं। सिन्हा को एक टेप में पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि अगर 28 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी रेखा पार करते हैं तो उनका ‘‘सिर फोड़ देना’’। उस दिन भारतीय जनता पार्टी के एक बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ झड़प में करीब 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। उनके नेताओं ने यह भी दावा किया कि एक किसान की बाद में मौत हो गयी। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप से इनकार किया है।
गतिरोध को समाप्त करने के मकसद से जिला प्रशासन ने एक बार फिर बुधवार अपराह्न दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया था, जिसमें योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और राकेश टिकैत भी मौजूद रहे।
तीन घंटे चली बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा, '' हमें खेद के साथ बताना पड़ रहा है कि वार्ता पूरी तरह विफल रही क्योंकि सरकार असंवेदनहीन व अड़ियल रवैया अपना रही है। उनका रवैया कल जैसा ही है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।''
यादव ने कहा कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक बैठक में मौजूद थे और बाद में करनाल के मंडल आयुक्त भी शामिल हुए।
उन्होंने और टिकैत ने दावा किया कि ''स्थानीय प्रशासन चंडीगढ़ से निर्देश ले रहा था।'' उनका इशारा भाजपा नीत हरियाणा सरकार की ओर था।
योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों ने पूर्व में आईएएस अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि पर्याप्त वीडियो साक्ष्य होने के बावजूद सरकार आईएएस अधिकारी को निलंबित तक करने को तैयार नहीं है, उनके खिलाफ केवल एक मुकदमा दर्ज कर छोड़ दिया गया है।
यादव ने आरोप लगाया कि यह कदम दर्शाता है कि आईएएस अधिकारी खुद ये आदेश नहीं दे रहे थे बल्कि उन्हें सरकार से निर्देश मिल रहे थे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी आरोप लगाया कि सरकार अधिकारी को बचाने का प्रयास कर रही है।
टिकैत ने कहा, '' हमने इसी जगह पर धरना जारी रखने का निर्णय लिया है, जहां पिछली रात बितायी थी। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब से भी किसान यहां धरने में शामिल हो रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि किसान इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके धरने से सचिवालय का काम प्रभावित न हो और जनता को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
इससे पहले, कई नेताओं के साथ किसानों ने लघु सचिवालय के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर रात बितायी। सुबह प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर चाय बनाते हुए और नाश्ता देते हुए दिखायी दिए।
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