अनिल देशमुख ने कोर्ट से मांगी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति, ईडी ने विरोध करते हुए कहा, 'जेजे अस्पताल में कराएं, वहां सारी सुविधाएं हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 9, 2022 08:21 PM2022-05-09T20:21:59+5:302022-05-09T20:35:12+5:30
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कोर्ट में आवेदन देकर प्राइवेट अस्पताल में कंधे की सर्जरी करावाने की इजाजत मांगी लेकिन ईडी ने विरोध करते हुए कहा कि सरकारी जेजे अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं, वहां सर्जरी करवाने में आखिर क्या परेशानी है।
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कोर्ट में आवेदन दिया है कि उन्हें कंधे की सर्जरी करावाने के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने की इजाजत दी जाए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को देशमुख के इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि चूंकि वो भ्रष्टाचार के आरोप में निरूद्ध एक विचाराधीन कैदी हैं, इसलिए उन्हें निजी अस्पताल की बजाय मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए।
ईडी ने इस मामले में स्पेशल कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए यह बात कही। ईडी ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल से संबंधित आवेदन देने से पहले देशमुख जेजे अस्पताल में अपना इलाज करवा चुके हैं और वहां के डॉक्टरों ने उन्हें कंधे की सर्जरी करवाने की सलाही दी है लेकिन डॉक्टरों ने सर्जरी को आपात चिकित्सा की जगह सामान्य बताया था।
इसके साथ ही ईडी ने हलफनामे में यह बात भी कही कि जेजे अस्पताल में देशमुख के इलाज के लिए पूरी सुविधा मौजूद है और वहां पर भी श्रेष्ठ सर्जरी के डॉक्टर मौजूद हैं, इसलिए उन्हें इलाज के लिए किसी अन्य निजी अस्पताल में भर्ती होने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है।
वहीं देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने इस मामले में ईडी के तर्कों का दवाब देते हुए कहा कि पूर्व मंत्री को अपनी पसंद के अस्पताल और डॉक्टर से इलाज कराने का पूरा अधिकार है।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने भी जेजे अस्पताल के डॉक्टरों से इस मामले में पूछताछ की थी और उन्होंने बताया था कि देशमुख को कंधे में दर्द के लिए भर्ती कराया गया था।
ईडी ने कहा कि अनिल देशमुख को आपात सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके कंधे के दर्द का लंबा इतिहास रहा है। इसलिए भविष्य में भी उसकी सर्जरी पर विचार किया जा सकता है।
वहीं देशमुख के वकील निकम ने कहा कि ये बात सही है कि देशमुख के कंधे की तकलीफ का लंबा इतिहास है लेकिन जेल में गिरने के कारण उनके कंधे की स्थिति और भी खराब हो गई है।
देशमुख के पक्ष में तर्क देते हुए निकम ने कोर्ट से आगे कहा, "वो वरिष्ठ नागरिक हैं, इसके अलावा वो एक राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता हैं। लिहाजा जेजे अस्पताल द्वारा मिली सलाह के आधार पर उन्हें अपने पसंद के अस्पताल में कंधे की सर्जरी कराने की इजाजत दी जाए क्योंकि उनके कंधे का दर्द कम होने की बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है।"
इसके साथ ही निकम ने कोर्ट को यह भी बताया कि अनिल देशमुख कंधे की सर्जरी का खर्च खुद उठाने को तैयार हैं तो ऐसे में ईडी उनके द्वारा प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के आवेदन का विरोध नहीं कर सकती है।
स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश दिया कि वो इस याचिका पर आगामी मंगलवार को फैसला सुनाएगी।
मालूम हो कि ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान में हुई मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
उससे पहले उद्धव सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये जबरन वसूली के आरोपों के कारण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस मामले में सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)