Andhra Pradesh Lok Sabha Elections 2024: भाजपा किसके साथ जाए!, लोकसभा चुनाव से पहले दोनों हाथ में लड्डू, क्या है समीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2024 07:26 PM2024-02-19T19:26:10+5:302024-02-19T19:28:09+5:30
Andhra Pradesh Lok Sabha Elections 2024: तेदेपा ने 10 फरवरी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने की योजना बनाई थी, लेकिन गठबंधन की बातचीत के कारण इसमें देरी हुई।
Andhra Pradesh Lok Sabha Elections 2024: आंध्र प्रदेश में एक साथ होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) राजनीतिक गठबंधन की संभावनाओं को तलाशने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में हैं, हालांकि अभी तक इस बारे में कोई ठोस घोषणा नहीं की गयी है। तेदेपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आठ फरवरी को नयी दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलें तेज हो गयी थीं। दोनों दलों ने अभी तक गठबंधन की कोई घोषणा नहीं की है। एक सूत्र ने बताया कि तेदेपा और भाजपा के बीच गठबंधन संभव है, जिसकी घोषणा कुछ दिनों में की जा सकती है। सूत्रों ने पाया कि तेदेपा ने 10 फरवरी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने की योजना बनाई थी, लेकिन गठबंधन की बातचीत के कारण इसमें देरी हुई।
सूत्रों के अनुसार, नायडू की बैठक के बाद गठबंधन पर मुहर लगाने के लिए भाजपा के साथ पर्दे के पीछे बातचीत अब भी जारी है। तेदेपा प्रवक्ता तिरुनगरी ज्योशना के अनुसार, उम्मीदवारों की सूची 20 फरवरी तक घोषित किये जाने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि ने बताया कि नायडू गठबंधन को लेकर बहुत स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
रवि ने कहा कि हाल ही में नायडू ने कुछ संवाददाताओं को बताया था कि 80 प्रतिशत तेदेपा उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग चुकी है, जिसका मतलब यह है कि केवल कुछ विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के लिए गठबंधन हो सकता है। उन्होंने कहा, ''स्पष्ट है कि वह भाजपा के साथ जाना चाहते हैं और भाजपा के बिना उनकी राह मुश्किल हो सकती है।''
ज्योशना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब-जब तेदेपा और भाजपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा है तब-तब उन्हें फायदा मिला है। नरसापुरम लोकसभा क्षेत्र से वाईएसआरसीपी के असंतुष्ट सांसद के. रघुराम कृष्ण राजू ने हाल ही में बताया था कि सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को हराने के लिए तेदेपा, भाजपा और जनसेना गठबंधन करेंगे।
नायडू के नयी दिल्ली दौरे के समाप्त होने से कुछ ही घंटे पहले रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी, जिससे दोनों दलों के बीच राजनीतिक गठबंधन को लेकर अटकलों ने जोर पकड़ ली थी। बाद में लंबित योजनाओं के लिए धन, पोलावरम परियोजना के लिए समर्थन, विशेष दर्जा और अन्य अनुरोध के संबंध में एक बयान जारी किया गया था, लेकिन गठबंधन पर कोई संकेत नहीं दिया गया।
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वी विजयसाई रेड्डी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया, ''गठबंधन करने के लिए कुछ नहीं चाहिए, लेकिन अकेले खड़े रहने के लिए साहस चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी लकड़बग्घों के झुंड के खिलाफ अकेले शेर हैं। वाईएसआरसीपी का एकमात्र गठबंधन उन लोगों के साथ है, जिनमें से कई लोग राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के कारण गरीबी से बच गए हैं।''
तेदेपा और वाईएसआरसीपी के भाजपा के साथ जुड़ने की इच्छा पर विचार व्यक्त करते हुए राजनीतिक विश्लेषक और गुंटूर के नजदीक नागार्जुन विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर वी. अंजी रेड्डी ने कहा कि नायडू और रेड्डी दोनों ही पिछले चार वर्षों से भाजपा के करीब आने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। तेदेपा इस बात से भलीभांति वाकिफ है कि भाजपा के पास आंध्र प्रदेश में कोई चुनावी आधार नहीं है, फिर भी वह पार्टी को लुभा रही है, क्योंकि तेदेपा, वाईएसआरसीपी सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
हालांकि, भाजपा एक चालाक पार्टी है, जो तेदेपा और वाईएसआरसीपी दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे हुए है। उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा चुनाव के दौरान तेदेपा के साथ गठबंधन कर ले, लेकिन यह मुख्यमंत्री रेड्डी को नाराज नहीं करेगी।