आंध्र प्रदेश: मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के घर में दरवाजे और खिड़कियां लगाने में खर्च होंगे 73 लाख रुपये!, उठे सवाल
By विनीत कुमार | Published: November 7, 2019 04:59 PM2019-11-07T16:59:25+5:302019-11-07T16:59:25+5:30
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जगन मोहन के मई में चुनाव जीतने और फिर सत्ता में आने के बाद उनके गुंटूर के टाडेपल्ली गांव में घर तक के लिए करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से सड़क बनवाई गई थी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के गुंटूर जिले में स्थित घर में दरवाजे और खिड़कियों के लिए राज्य सरकार की ओर से 73 लाख रुपयों की मंजूरी दी गई है। एक आदेश के तहत बेहद खर्चीले और उच्च सुरक्षा दर्जे वाले इन दरवाजों और खिड़कियों की फिटिंग के लिए राशि की मंजूरी पिछले महीने राज्य सरकार की ओर से दी गई।
इस संबंध में खबर सामने आने के बाद अब तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) चीफ और जगन मोहन रेड्डी के धुर विरोधी एन चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री के घर को लेकर होने वाले खर्चे को लेक सवाल उठाये हैं। चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को ट्वीट किया, 'वाईएसआर जगन की सरकार ने उनके घर में खिड़कियों को लगाने के लिए 73 लाख रुपये अलॉट किये हैं। ये उस समय हो रहा है कि आंध्र प्रदेश पिछले पांच महीने कुप्रबंधन के कारण आर्थिक तौर पर नुकसान झेल रहा है।'
एक और ट्वीट में टीडीपी नेता और चंद्रबाबू नायडू के बेटे नरा लोकेश ने मुख्यमंत्री पर ढोंग करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'वे कहते हैं कि वे एक रुपये सैलरी लेते हैं।'
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार जगन मोहन के मई में चुनाव जीतने और फिर सत्ता में आने के बाद उनके गुंटूर के टाडेपल्ली गांव में घर तक के लिए करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से सड़क बनवाई गई थी। ये भी राज्य सरकार के आदेश से हुआ। साथ ही आलीशान घर में बिजली के काम में करीब 3.6 करोड़ रुपये खर्च हुए।
घर के परिसर में एक हेलीपैड भी बनवाया गया। घर में हेलीपैड और दूसरे सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं में 1.89 करोड़ रुपये खर्च हुए। दिलचस्प ये भी है कि मुख्यमंत्री के घर के पास 'प्रजा दरबार' के लिए 82 लाख रुपये पास किये गये हैं। इन सब के बीच इस बात पर भी गौर करना जरूरी है कि इसी साल जून में चंद्रबाबू नायडू की द्वारा बनवाया गया 8 करोड़ रुपये की लागत से बने कांफ्रेस हॉल को जगन मोहन रेड्डी की सरकार द्वारा 'गैरकानूनी' बता कर ढहा दिया गया।
चंद्रबाबू नायजू जब सत्ता में थे तो उन्होंने फरवरी में केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिन के विरोध प्रदर्शन के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किये थे। ये विरोध प्रदर्शन राज्य के पुनर्गठन एक्ट 2014 के बाद की स्थिति को देखते हुए स्पेशल कैटेगरी स्टेटस की मांग के लिए किया गया था। अहम बात ये भी है कि पड़ोस के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपने आलीशन घर और ऑफिस को बनाने के लिए 2016 में 38 करोड़ रुपये खर्च किये थे।