उत्तरी बंगाल में बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच तृणमूल व भाजपा के बीच रोचक मुकाबला
By भाषा | Published: April 9, 2021 04:36 PM2021-04-09T16:36:33+5:302021-04-09T16:36:33+5:30
(प्रदीप्त तापदार)
कोलकाता, नौ अप्रैल उत्तरी बंगाल की 54 विधानसभा सीटों पर इस चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा जहां इस क्षेत्र में अपना गढ़ मजबूत करने का प्रयास कर रही है वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राजनीतिक रूप से बदल रहे समीकरणों के बीच अपने खोए हुए आधार को फिर से हासिल करने की कोशिश में लगी है।
उत्तरी बंगाल की ये 54 सीटें सात जिलों के तहत आती हैं। एक समय कांग्रेस और वाम मोर्चा के गढ़ माने जाने वाले उत्तरी बंगाल के जिले - ज्यादातर आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के वर्चस्व वाले थे।
सत्तारूढ़ खेमे ने उत्तरी बंगाल में 2016 के राज्य चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाबी हासिल की, जब उसने इस क्षेत्र में 25 सीटें हासिल कीं, लेकिन 2019 के आम चुनावों ने भाजपा के पक्ष में हवा का रुख बदल दिया, जिसने लोकसभा की आठ में से सात सीटें जीत लीं और 35 विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही।
तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में मिले झटके के बाद यहां अपने आधार को मजबूत करना शुरू किया। हालांकि तृणमूल कम से कम 15 विधानसभा सीटों और 11 गोरखा समुदायों के बीच अपना खासा प्रभाव रखने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता बिमल गुरुंग को वापस लाने में कामयाब रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को इस चुनाव में उत्तरी बंगाल में जीत का भरोसा है।
वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री गौतम देब ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी राज्य के उत्तरी हिस्से में जीत दर्ज करेगी।
उत्तरी बंगाल के सात जिलों में कूच बिहार में नौ विधानसभा सीटें, जलपाईगुड़ी में सात, अलीपुरद्वार में पांच, दार्जिलिंग में छह , उत्तर दिनाजपुर में नौ, दक्षिण दिनाजपुर में छह और मालदा में 12 सीटें हैं।
भाजपा ने इस क्षेत्र में घुसपैठ को लेकर मतदाताओं की नाराजगी को भांपकर 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘एनआरसी’ और ‘सीएए’ को चुनावी मुद्दा बनाया था।
गुरुंग की वापसी के साथ तृणमूल कांग्रेस को भाजपा का मुकाबला करने में मदद मिली है और सत्तारूढ़ पार्टी के पास बिनॉय तमांग के नेतृत्व वाले जीजेएम के अन्य गुट का समर्थन पहले से ही हासिल है।
तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘गुरुंग का समर्थन वास्तव में उत्तरी बंगाल क्षेत्र में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। हमने 2019 में भाजपा को मौका दे दिया था, लेकिन अब हम इससे उबरने की उम्मीद कर रहे हैं।’’
उत्तरी बंगाल में इन सभी सात जिलों में विधानसभा चुनाव के शेष बचे पांच चरणों में 10 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच मतदान होना है।
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