'अमूल ब्रांड से ज्यादा अच्छा है नंदिनी...हमारा पानी, हमारी दूध और हमारी मिट्टी मजबूत है', कर्नाटक में दूध पर लड़ाई पर बोले कांग्रेस के डीके शिवकुमार
By विनीत कुमार | Published: April 9, 2023 08:55 AM2023-04-09T08:55:34+5:302023-04-09T10:16:58+5:30
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही अमूल बनाम नंदिनी का विवाद भी गहरा गया है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने नंदिनी को अमूल से अच्छा ब्रांड बताते हुए कहा कि कर्नाटक के किसानों और दूध की रक्षा की जाएगी।
बेंगलुरु: कर्नाटक में अमूल बनाम नंदिनी दूध की लड़ाई तेज होने के बीच कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने शनिवार को इस मुद्दे पर पार्टी के रुख को दोहराया। नंदिनी को अमूल से एक 'बेहतर' ब्रांड बताते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक के दूध और किसानों की 'रक्षा' की जाएगी।
हमारा पानी, हमारा दूध, हमारी मिट्टी मजबूत है: डीके शिवकुमार
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने गुजरात के डेयरी सहकारी समिति अमूल के कर्नाटक डेयरी बाजार में प्रवेश की आलोचना करते हुए कहा, 'हम अपने दूध और अपने किसानों की रक्षा करना चाहते हैं। हमारे पास पहले से ही नंदिनी है जो अमूल से बेहतर ब्रांड है...हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं है..हमारा पानी, हमारा दूध और हमारी मिट्टी मजबूत है।'
#WATCH | Bengaluru: We want to protect our milk and our farmers. We already have Nandini which is a better brand than Amul...We don't need any Amul..our water, our milk, and our soil is strong: Karnataka Congress chief DK Shivakumarpic.twitter.com/LNvBynEDsB
— ANI (@ANI) April 8, 2023
बता दें कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) राज्य में 'नंदिनी' ब्रांड नाम से दूध और दही बेचता है। इससे पहले बुधवार को अमूल ने बेंगलुरू में अपने प्रोडक्ट के लॉन्च की घोषणा की थी और कहा था कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग उसके डेयरी उत्पादों के वितरण के लिए किया जाएगा।
पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक के दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि केएमएफ और गुजरात का आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (अमूल) मिलकर राज्य के हर गांव में प्राइमरी डेयरी स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे। इसके बाद से ही अमूल बनाम नंदिनी का विवाद गरमाने लगा था और चुनाव करीब आते-आते और तीव्र हो चला है।
Amul Vs Nandini पर कर्नाटक सरकार का क्या है रुख?
कर्नाटक में अभी भाजपा की सरकार है। पूरे विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अमूल ब्रांड को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम नंदिनी ब्रांड को देश में नंबर वन बनाने के लिए उसे और भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।' साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है।
दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि राज्य में नंदिनी के अलावा करीब 18 ब्रांड लंबे समय से बेचे जा रहे हैं। उन्होंने पूछा- 'क्या अमूल बीजेपी का ब्रांड है और नंदिनी कांग्रेस का ब्रांड है? कांग्रेस ने अमूल दूध और अन्य उत्पादों की बिक्री के खिलाफ राज्य में एक अभियान शुरू किया है।'
दही को लेकर भी मच चुका है विवाद
पिछले ही महीने तमिलनाडु और कर्नाटक में दही के पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही’ के इस्तेमाल संबंधी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के निर्देश पर विवाद मचा था। हालांकि विवाद बढ़ने पर एफएसएसएआई ने अपना आदेश वापस ले लिया और नई अधिसूचना जारी कर दही के पैकेट पर क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है।
जेडीएस के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इसे लेकर सवाल किया कि क्या यह नंदिनी उत्पाद पर कब्जा करने की कोशिश है। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस कदम को ‘हिंदी को थोपा जाना’ बताया और इसकी निंदा की। कन्नड भाषा में दही को मोसारू और तमिल में तयिर कहा जाता है।