आम्रपाली ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है और खरीदारों को राहत दी है। कोर्ट ने फर्जीवाड़ा करने और घर खरीददारों के पैसे का गबन करने के लिए संकट में घिरे आम्रपाली समूह के पंजीकरण को रेरा (RERA ) कानून के तहत रद्द करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने अदालत के रिसीवर की नियुक्ति की और कहा आम्रपाली परियोजनाओं के सभी अधिकार रिसीवर के पास चले जाएंगे। कोर्ट ने आम्रपाली की सभी परियोजनाओं को नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा की तरफ से मिली लीज को रद्द किया ।
बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएड प्राधिकरणों के आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता जताने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों प्राधिकरणों ने एक उच्च शक्ति प्राप्त निगरानी समिति की देखरेख में इन अटकी पड़ी परियोजनाओं को किसी प्रतिष्ठिक बिल्डर को सुपुर्द करने का समर्थन किया था।
दोनों ने इस तरह की परियोजनाओं को पूरा करने में संसाधन और विशेषज्ञता की कमी बताते हुए इन्हें पूरा करने से इंकार कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने आठ मई को कहा था कि वह समूह की सभी 15 प्रमुख आवासीय परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दे सकती है क्योंकि वह 42,000 घर खरीदारों के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है।
इसके बाद अदालत ने इन अटकी परियोजनाओं को पूरा करने और इसके प्रबंधन नियंत्रण के मसले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।