एअर इंडिया विनिवेश पर मंत्री समूह की अगुवाई करेंगे अमित शाह, नितिन गडकरी को हटाया गया

By भाषा | Published: July 18, 2019 05:01 PM2019-07-18T17:01:18+5:302019-07-18T17:01:18+5:30

सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह मंत्री समूह एअर इंडिया की बिक्री के तौर तरीके तय करेगा। इसमें अब चार केंद्रीय मंत्री... शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे।’’

Amit Shah to Now Head Ministerial Panel on Air India Sale, Nitin Gadkari Dropped | एअर इंडिया विनिवेश पर मंत्री समूह की अगुवाई करेंगे अमित शाह, नितिन गडकरी को हटाया गया

सूत्रों ने बताया कि मोदी-2.0 सरकार के सत्ता में आने के बाद समूह का पुनर्गठन किया गया है और गडकरी अब इस समूह का हिस्सा नहीं हैं।

Highlightsसूत्र ने कहा कि कितनी हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी और रुचि पत्र कब मांगे जाएंगे, इस बारे में निर्णय नवगठित एआईएसएएम करेगा।सरकार ने 2018 में एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री व एयरलाइन के प्रबंधन नियंत्रण के लिए निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं।

गृह मंत्री अमित शाह एअर इंडिया विनिवेश पर पुनर्गठित मंत्री समूह की अगुवाई करेंगे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इस मंत्री समूह से हटा दिया गया है।

सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह मंत्री समूह एअर इंडिया की बिक्री के तौर तरीके तय करेगा। इसमें अब चार केंद्रीय मंत्री... शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे।’’

एअर इंडिया की बिक्री पर मंत्री समूह का पहली बार गठन जून, 2017 में किया गया था। इस समूह को एअर इंडिया विशेष वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) का नाम दिया गया। उस समय इस समूह की अगुवाई तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे थे और इसमें पांच सदस्य थे। अन्य चार सदस्य नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री सुरेश प्रभु तथा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी थे।

सूत्रों ने बताया कि मोदी-2.0 सरकार के सत्ता में आने के बाद समूह का पुनर्गठन किया गया है और गडकरी अब इस समूह का हिस्सा नहीं हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘‘एआईएसएएम का नए सिरे से गठन किया गया है। अब इसमें पांच के बजाय चार सदस्य हैं।’’

अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने 2018 में एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री व एयरलाइन के प्रबंधन नियंत्रण के लिए निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं। हालांकि, यह प्रक्रिया विफल रही थी और निवेशकों ने एअर इंडिया के अधिग्रहण के लिए बोलियां नहीं दी थीं।

उसके बाद सौदे को नियुक्त सलाहकार ईवाई ने इस बारे में रिपोर्ट तैयार की थी कि बिक्री की प्रक्रिया क्यों विफल रही। ईवाई ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जो वजहें बताई थीं उनमें सरकार द्वारा 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखना, ऊंचा कर्ज, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, विनियम दरों में उतार-चढ़ाव, वृहद वातावरण में बदलाव तथा लोगों के बोली लगाने पर अंकुश आदि हैं।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) एअर इंडिया की बिक्री के लिए पहले ही नया प्रस्ताव तैयार कर चुका है। इसमें कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के मुद्दों को शामिल किया गया है। सूत्रों ने कहा कि इस बार सरकार एअर इंडिया की शतप्रतिशत यानी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की पेशकश कर सकती है।

सरकार का इरादा बिक्री की प्रक्रिया दिसंबर, 2019 तक पूरा करने का है। एक सूत्र ने कहा कि कितनी हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी और रुचि पत्र कब मांगे जाएंगे, इस बारे में निर्णय नवगठित एआईएसएएम करेगा।

Web Title: Amit Shah to Now Head Ministerial Panel on Air India Sale, Nitin Gadkari Dropped

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