कश्मीर में हालात सामान्य करने की कोशिशों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के बीजेपी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे क्षेत्र के प्रमुख और प्रतिष्ठित लोगों से मिलें। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाये जाने के बाद से ही सरकार क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने की कोशिश लगातार कर रही है।
एएनआई के अनुसार एक सूत्र ने बताया है कि राज्य के बीजेपी नेताओं को मौलवी, व्यापारियों, होटल चलाने वालों और पर्यटन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से मेलजोल बढ़ाने को कहा गया है। आउटरीच कार्यक्रम का यह फैसला सोमवार को दिल्ली में अमित शाह और जम्मू- कश्मीर के बीजेपी नेताओं के बीच उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया।
सूत्रों के अनुसार यह फैसला राज्य में विकास के काम एक बार फिर पटरी पर लाने के लिए लिया गया है। इस कार्यक्रम का मकसद शैक्षणिक संस्थानों को खुलवाने सहित सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए उत्साहित करना और पर्यटन सेक्टर को दोबारा पटरी पर लाना है। इन कदमों के जरिए पार्टी को उम्मीद है कि वह घाटी में अपनी खोई जमीन पाने में सफल होगी और आर्थिक स्थिति भी घाटी में मजबूत होगी।
सूत्रों के अनुसार शैक्षणिक संस्थान जल्द से जल्द खोलने के अलावा सरकार चाहती है कि स्थानीय लोगों की सहभागिता पंचायत और जल्द होने जा रहे ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव में भी बढ़े। सूत्रों के अनुसार यह साफ कहा गया है कि अधिकतम हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।
माना जा रहा है कि इसी साल के आखिर में नवंबर या फिर दिसंबर में इंवेस्टमेंट समिट का भी आयोजन राज्य में किया जा सकता है। हालांकि, सूत्र के अनुसार तारीख को लेकर अभी कोई भी फैसला नहीं हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त को संसद में जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल को पेश करते हुए आर्टिकल-370 को हटाने का फैसला किया। संसद के बहुमत के आधार पर जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को भी अलग किया गया।