बिहार में जारी जातीय सियासत के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने उठाई दलित मुख्यमंत्री बनाने की मांग
By एस पी सिन्हा | Updated: September 1, 2024 18:28 IST2024-09-01T18:28:19+5:302024-09-01T18:28:19+5:30
संजय पासवान ने कहा कि सही मायने में इन लोगों ने ओबीसी का टर्म पूरा किया है। अब टर्म बनता है अति पिछड़े समाज का और दलित समाज का। हम लोग चाहेंगे एनडीए के सहयोग से दलित महादलित मुख्यमंत्री बने।

बिहार में जारी जातीय सियासत के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने उठाई दलित मुख्यमंत्री बनाने की मांग
पटना: बिहार में जातीय सियासत को लेकर गरमायी सियासत के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने रविवार को यह कहकर नई सियासी हवा दे दी है कि ओबीसी मुख्यमंत्री का समय समाप्त हुआ। अब दलित समाज से मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। सबको मौका मिला अब दलितों को भी मौका मिलना चाहिए। संजय पासवान ने इस मांग के लिए कैंपेन चलाने की बात भी कही है।
उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि बिहार में किसी दलित को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। कांग्रेस ने बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान 12 जातियों के लोगों को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया। 90 के बाद से बिहार में सवा दो मुख्यमंत्री हुए हैं। यादव समाज से या कुर्मी समाज से और कुछ महीना के लिए जीतन राम मांझी जी मुख्यमंत्री बने।
संजय पासवान ने कहा कि सही मायने में इन लोगों ने ओबीसी का टर्म पूरा किया है। अब टर्म बनता है अति पिछड़े समाज का और दलित समाज का। हम लोग चाहेंगे एनडीए के सहयोग से दलित महादलित मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि सोच रहा हूं और अपने लोगों से बातचीत कर रहा हूं। मैं अलग-अलग प्लेटफार्म पर बात कर रहा हूं कि बिना गठबंधन को नुकसान पहुंचाए दलित मुख्यमंत्री बने। इसलिए मै बातचीत करूंगा और इस अभियान में आगे लगूंगा।
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी राजनीति में रहूंगा, लेकिन "पावर पॉलिटिक्स" में नहीं रहूंगा। संजय पासवान ने कहा कि किसी सदन में अब नहीं जाना है ना कोई मांग करुंगा। उल्लेखनीय है कि संजय पासवान ने कुछ दिनों पहले यह बयान देकर सियासी हलचल मचा दी थी कि अगर नीतीश कुमार का साथ नहीं होता तो लोकसभा चुनाव में भाजपा जीरो पर आउट हो जाती। बिहार में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाती।