हलाल-झटका मीट विवाद के बीच मुख्तार अब्बास नकवी बोले, 'देश में हर नागरिक को अपनी पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2022 02:56 PM2022-04-17T14:56:18+5:302022-04-17T15:01:31+5:30

देश की मौजूदा हालात पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वर्तमान समय में कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो देश की शांति, समृद्धि और तरक्की को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और यही कारण है कि वो भारत की समावेशी संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

Amidst the Halal and Jhatka meat controversy, Mukhtar Abbas Naqvi said, "Every citizen in the country has complete freedom to eat food of his choice" | हलाल-झटका मीट विवाद के बीच मुख्तार अब्बास नकवी बोले, 'देश में हर नागरिक को अपनी पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है'

फाइल फोटो

Highlightsमुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में रहने वाले हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता हासिल हैनकवी ने कहा देश में हर नागरिक को अपनी पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी हैकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में बुरके पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है

मुंबई: हनुमान जयंती के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद देश के अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में रहने वाले हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता हासिल है और देश में कहीं भी असहिष्णुता का माहौल नहीं है। सभी समुदाय के लोग आपसी सद्भाव और प्रेम के साथ रह रहे हैं।

अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' के साथ बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, "मौजूदा समय में कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो देश की शांति, समृद्धि और तरक्की को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और यही कारण है कि वो भारत की समावेशी संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

वहीं वर्तमान समय में जब देश के कई हिस्सों में हलाल और झटका मीट को लेकर तगड़ी बहस चल रही है, रामनवमी के मौके पर निकले धार्मिक जुलूसों के दौरान बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के बीच हिंसक टकराव हुआ है और दिल्ली के जेएनयू स्थित कावेरी हॉस्टल में छात्रों को मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर हिंसा हुई है।

नकवी ने कहा, "लोगों को क्या खाना चाहिए या नहीं, यह बताना सरकार का काम नहीं है। देश में हर नागरिक को अपनी पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है।"

भाजपा शासित कर्नाटक में बीते कुछ महीने पहले हुए बुरका विवाद पर बोलते हुए मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, "भारत में बुरके पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। कोई भी अपनी स्वेच्छा से बाजारों और अन्य जगहों पर बुरका पहनकर जा सकता है लेकिन जब वो किसी कॉलेज या संस्थान का हिस्सा है तो उसे संस्थान के लागू किये गये ड्रेस कोड, अनुशासन और मर्यादा का पालन करना चाहिए। लेकिन अगर आपको संस्थान के नियम-कानून पसंद नहीं है, तो आप अपने लिए दूसरा संस्थान भी चुन सकते हैं और इसके लिए भी आपके पास पूरी आजादी है।"

मालूम हो कि बीते कुछ सालों में देश में धार्मिक कट्टरता और विवादों की एक झड़ी सी लग गई है, खासकर भाजपा शासित कर्नाटक में धार्मिक तनाव अपने चरम पर है।

कर्नाटक में बुरका विवाद, मंदिरों के मेले में मुस्लिम दुकानदारों पर लगे प्रतिबंध, हलाल मीट और मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर द्वारा अजान के विवाद से लेकर कई अन्य विषयों को लेकर भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा हुए असंतोष के कारण हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं। 

Web Title: Amidst the Halal and Jhatka meat controversy, Mukhtar Abbas Naqvi said, "Every citizen in the country has complete freedom to eat food of his choice"

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