Amarnath Yatra: इतिहास में पहली बार, जम्मू में अमरनाथ यात्रा की पूजा, फिलहाल यात्रा पर असमंजस बरकरार
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 5, 2020 05:59 PM2020-06-05T17:59:39+5:302020-06-05T17:59:39+5:30
अमरनाथ यात्रा के आरंभ होने पर अभी भी असमंजस बरकरार था क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर इस यात्रा को रद्द करते हुए यात्रा की प्रतीक पारंपारिक छड़ी मुबारक को इस बार हेलिकाप्टर से गुफा तक ले जाने का फैसला किया जा चुका है।
जम्मूः इतिहास में पहली बार कोरोना के चलते अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए जयेष्ठ पूर्णिमा पर होने वाली प्रथम पूजा को आज शुक्रवार को जम्मू में संपन्न किया गया।
हालांकि अमरनाथ यात्रा के आरंभ होने पर अभी भी असमंजस बरकरार था क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर इस यात्रा को रद्द करते हुए यात्रा की प्रतीक पारंपारिक छड़ी मुबारक को इस बार हेलिकाप्टर से गुफा तक ले जाने का फैसला किया जा चुका है। हालांकि सूत्र कहते थे कि बरास्ता बालटाल कुछ हजार लोगों के लिए यात्रा संपन्न करवाने की कवायद भी चल रही है लेकिन प्रशासन इसे खतरा बताते हुए टालने की कोशिश में जुटा हुआ था।
श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के तालाब तिल्लो जम्मू स्थित कार्यालय में पूजा-अर्चना में बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विपुल पाठक, बोर्ड के अन्य सदस्यों के अलावा बाबा अमरनाथ और बाबा बुड्डा अमरनाथ यात्री न्यास के अध्यक्ष पवन कोहली, महासचिव सुदर्शन खजुरिया, विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने भी ने भाग लिया।
जम्मू कश्मीर सहित देश में बने कोरोना के प्रकोप को खत्म करने व लोक कल्याण की कामना के साथ सभी ने हवन-यज्ञ में आहूतियां अर्पित की। यह पहली बार है जब कोरोना से उपजे हालात के कारण वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियां शुरू नहीं हो पाई और यात्रा के दोनों मार्ग चंदनबाड़ी और बालटाल बर्फ से ढके हुए हैं।
इससे पहले यह प्रथम पूजा चंदनबाड़ी में की जाती थी लेकिन यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर प्रशासन को कोरोना महामारी की वजह से यह पूजा पहली बार जम्मू में करवानी पड़ी। बोर्ड के कार्यालय में विधिवत पूजा-अर्चना कर एक तरह से यात्रा की शुरुआत कर दी गई है।
फिलहाल श्राइन बोर्ड ने यात्रा के एडवांस पंजीकरण को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। सूत्रों के अनुसार, बोर्ड ने यात्रा शुरू करने की प्रस्तावित तिथि 23 जून निर्धारित कर रखी है। इस बार यात्रा को सीमित 15 दिन की अवधि के लिए निर्धारित किए जाने की संभावना है।
यात्रा को शुरू करने का फैसला आगामी कुछ दिनों में श्राइन बोर्ड की बैठक में हो सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यात्रा को 15 जुलाई से शुरू किया जा सकता है और रक्षा बंधन वाले दिन यानी 3 अगस्त को यात्रा को संपन्न किया जाएगा। पर इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
बोर्ड इस मुद्दे पर भी विचार कर रहा है कि देश के अधिकतर श्रद्धालुओं को हिम शिवलिंग के दर्शन करवाने के लिए ऑनलाइन या इलेक्ट्रानिक चौनलों के माध्यम से व्यवस्था कर सकता है। ऑनलाइन पंजीकरण किए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है।